शिमला के सीटू क्षेत्रीय समन्वय समिति रामपुर ने केंद्र सरकार द्वारा एकतरफा लागू किए गए चार लेबर कोड के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन रामपुर में शाम 5 बजे लेबर कोड की प्रतियां जलाकर किया गया। सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह और मिलाप नेगी ने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के बीच इन कोडों का नोटिफिकेशन मेहनतकश वर्ग पर “जंग का ऐलान” है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पूंजीपति साथियों के हित में देश को पुनः मालिक-नौकर वाले शोषण काल में धकेलने की कोशिश कर रही है। 21 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन को बताया गैर-लोकतांत्रिक
नेताओं ने बताया कि 21 नवंबर 2025 को जारी किया गया यह नोटिफिकेशन मनमाना और गैर-लोकतांत्रिक है, जो भारत के वेलफेयर स्टेट के चरित्र पर सीधा हमला है। नोटिफिकेशन जारी होने के महज 24 घंटों में देशभर में फैक्ट्रियों और कार्यस्थलों पर मजदूरों द्वारा लेबर कोड की प्रतियां जलाकर विरोध जताने का सिलसिला शुरू हो चुका है। ट्रेड यूनियनों का पुराना विरोध जारी
दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र इंडस्ट्रियल फेडरेशनों का संयुक्त मंच 2019 में कोड ऑन वेजेज लागू होने के बाद से ही लगातार इन कोडों का विरोध करता रहा है। जनवरी 2020 की आम हड़ताल, 2020 में तीन अन्य कोडों के लागू होने के बाद 26 नवंबर की ऐतिहासिक हड़ताल तथा किसान “दिल्ली चलो” आंदोलन के साथ संयुक्त संघर्ष इसके उदाहरण हैं। इसके बाद 9 जुलाई 2025 को हुए आम हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक मजदूर शामिल हुए थे। “सरकार ने मजदूरों की नहीं, पूंजीपतियों की सुनी”
सीटू नेताओं ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शनों की अनदेखी करते हुए केंद्र सरकार ने बिहार चुनाव की जीत से उत्साहित होकर मीडिया रिपोर्टों और लेबर मंत्रालय के ट्वीट्स के मुताबिक, लेबर कोड लागू करने में जल्दबाजी दिखाई है। ट्रेड यूनियनों ने 13 नवंबर को श्रम शक्ति नीति 2025 पर बैठक के दौरान इंडियन लेबर कॉन्फ्रेंस (ILC) बुलाने और कोड वापस लेने की मांग की थी। 20 नवंबर की प्री-बजट कंसल्टेशन में भी यही मांग उठाई गई, लेकिन सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सीटू नेताओं ने कहा कि सरकार ने मजदूर संगठनों के बजाय एम्पलॉयर्स और अपने समर्थक संगठनों की मांगों को प्राथमिकता देते हुए इन कोडों को लागू किया है।
इस विरोध प्रदर्शन में सेब उत्पादक संघ के राज्य सचिव पूर्ण ठाकुर, सीटू जिला कमेटी सदस्य देवेंद्र, मंजू, मानिता, मीना, सुशीला, संतोष, राजू राणा, एतवारी, किरण, सुनीता सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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