हिमाचल हाईकोर्ट में मंडी ​​​​से ​​​सांसद कंगना रनोट के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर 30 अक्तूबर को मुद्दे तय (इशू फ्रेम) किए जाएंगे। इसके पश्चात, अदालत द्वारा तय मुद्दों पर दोनों पक्षों को अपना-अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। इससे पहले, कोर्ट ने मामले को हाईकोर्ट के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (न्यायिक) के समक्ष दस्तावेजों की स्वीकृति और अस्वीकृति के लिए सूचीबद्ध करने के आदेश दिए थे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने दोनों पक्षों की सहमति से 30 अक्टूबर को मुद्दे तय किए जाने के आदेश जारी किए। लायक राम नेगी ने दी चुनाव को चुनौती बता दें कि किन्नौर जिला निवासी लायक राम नेगी ने कंगना के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती चुनौती दे रखी है। उनकी याचिका पर कोर्ट ने बीते साल 24 जुलाई को कंगना को नोटिस जारी किया था। गलत ढंग से नामांकन अस्वीकार किया: नेगी लायक राम नेगी के अनुसार, उनके नामांकन पत्र को गलत ढंग से अस्वीकार किया गया। इसलिए उन्होंने मंडी लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग की है। लायक राम ने इस मामले में रिटर्निंग ऑफिसर (RO) एवं डीसी मंडी को भी प्रतिवादी बनाया है। उन्होंने मंडी सीट पर दोबारा चुनाव की मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा- नामांकन के दौरान मुझ पर ऑब्जेक्शन लगाए गए। लायक राम के अनुसार, उसने 14 मई को मंडी लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र भरा। वन विभाग से असामयिक सेवानिवृत्त होने पर उसने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष वन विभाग से जारी जरूरी नो-ड्यूज सर्टिफिकेट नामांकन पत्र के साथ सौंपे। एक दिन देरी से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट दिए नामांकन के दौरान उन्हें कहा गया कि स्वतंत्र रूप से संबंधित विभागों द्वारा सरकारी आवास को लेकर जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो-ड्यूज सर्टिफिकेट भी देने होंगे। उसे यह प्रमाण पत्र देने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया। लायक राम का नामांकन इस वजह से रद्द किया गया था। 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जानी थी। प्रार्थी के अनुसार, 15 मई को उसने विभिन्न विभागों द्वारा जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो-ड्यूज सर्टिफिकेट RO को सौंप दिए। मगर उन्होंने यह दस्तावेज लेने से इनकार कर दिया और कहा कि प्रार्थी के नामांकन में उपरोक्त नो-ड्यूज सर्टिफिकेट न लगना एक बड़ी त्रुटि है। जिसे अब दूर नहीं किया जा सकता है। इसके बाद उनका नामांकन अस्वीकार किया गया।

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