हिमाचल सरकार के उपक्रम हिमाचल बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (HPMC) द्वारा बागवानों से लिया गया सेब सड़क किनारे जगह- जगह सड़ रहा है। लंबे समय से इनकी ट्रांसपोर्टेशन नहीं हो पा रही और न ही HPMC द्वारा लिया गया सेब ऑक्शन किया जा रहा है। इससे बोरियों में भरा सेब खराब हो रहा है। राजस्व मंत्री जगत सिंह ने नेगी ने बताया कि सड़कें बंद होने से सेब की ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कत आई है। कई जगह बड़े ट्रक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे सेब फंसा हुआ है। मगर अब सड़कें बहाल हो रही है। ऐसे में सारा सेब निकालने का प्रयास किया जाएगा। बता दें कि, सरकारी उपक्रम HPMC मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत बागवानों से निम्न क्वालिटी का सेब खरीदता है। अभी तक 43 हजार मिट्रिक टन सेब खरीद लिया गया है। इनकी खरीद के लिए HPMC ने 276 खरीद केंद्र खोलने की नोटिफिकेशन कर दी है। मगर इनमें से लगभग 240 खरीद केंद्र ही अब तक ऑपरेशनल हो पाए हैं। इनके माध्यम से बागवानों से मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत निम्न क्वालिटी का सेब लिया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस बार MIS योजना के लिए 12 रुपए प्रति किलो के हिसाब से रेट तय कर रखे हैं। HPMC 25 हजार मिट्रिक टन सेब खुद प्रोसेस करेगा HPMC लगभग 25 हजार मिट्रिक टन सेब का खुद प्रोसेस करेगा। बाकी सेब ऑक्शन किया जाएगा। MIS योजना के तहत इस बार बड़ी संख्या में लोग सेब HPMC को दे रहे हैं, क्योंकि खराब मौसम के कारण क्वालिटी सेब नहीं बन पाया। बागवानों को मजबूरन अपना सेब MIS योजना के तहत सस्ते दामों पर बोरियों में बेचना पड़ा है। औने-पौने दामों पर किया जा रहा ऑक्शन पहले सरकारी उपक्रम HPMC और हिमफेड MIS के तहत बागवानों से निम्न क्वालिटी का सेब खरीदते थे। मगर इस बार यह जिम्मा HPMC को ही दिया गया है। बताया जा रहा है कि 12 रुपए खरीदा गया सेब औने-पौने दामों पर ऑक्शन किया जा रहा है। इससे सरकार को भी घाटा उठाना पड़ेगा।