हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को नया नेतृत्व मिल गया है। मंगलवार को डॉ. राजेश शर्मा ने बोर्ड के 38वें अध्यक्ष के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। धर्मशाला स्थित बोर्ड मुख्यालय में आयोजित समारोह में उन्होंने विधिवत कार्यभार संभाला। इस मौके पर बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। डॉ. शर्मा ने कहा कि उनका मुख्य फोकस शिक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता रहेगा। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य रहेगा कि पांचवीं का बच्चा पांचवीं की किताब खुद पढ़ सके। उन्होंने बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की प्रतिबद्धता जताई। डॉ. शर्मा ने बताया कि कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू से फोन पर बात कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि सीएम शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर बेहद गंभीर हैं। उनके मार्गदर्शन में काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। पारदर्शी और डिजिटल बोर्ड की ओर कदम- डॉ. शर्मा
नव नियुक्त चेयरमैन ने कहा कि मूल्यांकन प्रणाली को तकनीकी रूप से सशक्त किया जाएगा ताकि परीक्षा परिणाम समय पर और त्रुटिरहित जारी हो सकें। उन्होंने बताया कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने, परीक्षा प्रणाली को सुधारने और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों तक संसाधनों की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। डॉ. शर्मा ने कहा कि उनकी प्राथमिकताएं है- प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार, परीक्षाओं में पारदर्शिता, मूल्यांकन प्रक्रिया का डिजिटलीकरण, शिक्षकों और छात्रों का प्रशिक्षण, समय पर डेटशीट और परिणाम जारी करना डॉ. राजेश शर्मा चिकित्सा क्षेत्र की जानी-मानी हस्ती हैं। वे कई व्यापारिक व सामाजिक संगठनों से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत प्राथमिक शिक्षा ही आगे की कक्षाओं की नींव बनती है, इसलिए इस क्षेत्र में बदलाव उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। बोर्ड कर्मचारियों ने डॉ. शर्मा का गर्मजोशी से स्वागत किया। कई अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में बोर्ड में व्यावहारिक बदलाव आएंगे और छात्रों को बेहतर सुविधाएं व निर्णय मिलेंगे।

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