(महिमा गौत्तम-कुल्लू )देवता करथा नाग ने निभाई मिलन की परंपरा हारियानों संग नाचते हुए पहुंचे छमाहूं के शिविर
नारायण, महादेव, रिंगू व बासूकी नाग से की भेंट
कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा की शोभा बढ़ाने जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 317 देवी-देवता पहुंचे हैं। अठारह करड़ू की सौह कही जाने वाले ढालपुर में देव मिलन की अलौकिक परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। वहीं, देवी-देवताओं द्वारा मनुष्यों की तरह निभाई जा रही परंपरा से हर कोई आश्चर्यचकित रह रहा है। देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए यह नजारा खूब भा रहा है। वहीं, स्थानीय लोग भी देव परंपराओं को देख भाव-विभोर हो रहे हैं। गढ़पति बूंगा फाटी सेऊली के देवता करथा नाग ने शुक्रवार को देव मिलन की परंपरा को निभाया है।देवता करथा नाग रथ मैदान में स्थित अपने अस्थायी शिविर से निकल देवता बड़ा छमाहू के अस्थायी शिविर (पुराने एसबीआई बैंक के पास) पहुंचे, लेकिन रथ मैदान से पुराने एसबीआई बैंक तक देवता हारियानों संग वाद्ययंत्रों की धून पर नाटी डालते हुए लाव-लश्कर संग निकले। देवता और हारियानों की नाटी को लोगों ने अपने मोबाइल व कैमरे में रिकॉर्ड किया। पुराने एसबीआई बैंक दोनों देवताओं का भव्य देव मिलन हुआ। इस दौरान देवता खोडू महादेव भी इन दोनों के साथ रहे। उधर, देवता करथा नाग ने देवता लक्ष्मी नारायण से मिलन किया। इसके बाद देवता वापस अपने अस्थायी शिविर के लिए रवाना हुए। वापसी में भी देवता रथ मैदान तक नाटी नाचते हुए आए। रथ मैदान में पहुंच कर देवता करथा नाग ने रिंगू नाग और बासूकी नाग के साथ भी मिलन की रस्म को निभाया। देवता करथा नाग के धामी हेमराज ने कहा कि देवता हर साल दशहरा में अपने अस्थायी शिविर से निकलकर हारियानों के साथ नाटी नाचते हुए देवता बड़ा छमाहूं से मिलने उनके शिविर में पहुंचता है। इस देव परंपरा का इस साल भी बखूबी निर्वहन किया गया।