{अनुरंजनी गौत्तम -शिमला } पूर्व गर्भाधान व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 पर वीरवार को निदेशालय स्वास्थ्य सुरक्षा एवं नियम द्वारा शिमला में दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की।दो दिन की कार्यशाला के दौरान कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और इस एक्ट को प्रभावी तरीके से लागू करने पर मंथन किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए बड़ी घोषणा की है कि अब एक बेटी के जन्म पर दो लाख व दूसरी बेटी के जन्म पर एक लाख रुपये सरकार देगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि देश में लिंगानुपात में तीसरा स्थान हिमाचल का है। आज पंचायती राज संस्थाओं में 56 प्रतिशत महिलाएं हैं। महिलाओं के राजनीति में आने के कारण भ्रूण हत्या में कमी आई है। महिलाएं हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री ने बेटी के पैदा होने पर दिए जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 35 हज़ार बढ़ाते हुए एक बेटी पर दो लाख जबकि दूसरी बेटी होने पर एक लाख की मदद देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भ्रूण जांच न हो इसके लिए सख्ती की जरूरत हैं। जनजातीय महिलाओं को जमीन का हक नहीं दिया जाता है। उन्हे कैसे जमीन का हक और शादी की उम्र को कैसे बढ़ाया जा सकता है सरकार इस पर विचार कर रही है।