कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ठियोग से विधायक कुलदीप राठौर ने न्यूजीलैंड से सेब पर इम्पोर्ट ड्यूटी 50% से घटाकर 25% करने के केंद्र सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इस कदम को सेब बागवान विरोधी बताया। उन्होंने कहा- पीएम नरेंद्र मोदी को हिमाचल के सेब बागवानों से किया इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का वादा तो पूरा नहीं किया, उल्टा इम्पोर्ट ड्यूटी कम कर दी। राठौर ने कहा- मोदी ने पीएम बनने से पहले सेब पर इम्पोर्ट ड्यूटी 100 फीसदी करने का वादा सुजानपुर रैली में किया था। बागवान 11 साल से इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ने का इंतजार कर रहे थे। इस बीच केंद्र सरकार ने न्यूजीलैंड के साथ करार करके इम्पोर्ट ड्यूटी को 25 प्रतिशत किया है। सेब पर आयात शुल्क कम करना बागवानों का गला घोंटने जैसा: राठौर इससे हिमाचल का 5500 करोड़ रुपए का सेब उद्योग तबाह हो जाएगा। हिमाचल के साथ साथ उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर का सेब भी तबाह हो जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यह निर्णय देश विरोधी है। उन्होंने पीएम के ‘स्वदेशी’ के आह्वान पर सवाल उठाते हुए कहा कि विदेशी सेब पर आयात शुल्क कम करना विदेशी आयात को बढ़ावा देने और देश के सेब उत्पादकों का गला घोंटने जैसा है। पीएम के सभी वादे जुमला साबित कुलदीप राठौर ने इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। उन्होंने याद दिलाया कि पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के बड़े-बड़े वादे किए थे। पहले इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाना का वादा किया। फिर पेप्सी और कोकाकोला में कुछ प्रतिशत सेब जूस मिलाने का वादा किया। सब वादे जुमला साबित हुए। राठौर बोले- अमेरिकी सेब पर भी शुल्क कम करने की तैयारी राठौर ने आशंका जताई कि अमेरिका के साथ भी आयात शुल्क कम करने की तैयारी चल रही है, जिससे हिमाचल के सेब उद्योग पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बागवानों को अपने सेब के पेड़ काटने तक की नौबत आ सकती है। अनुराग ठाकुर के अलावा किसी भी सांसद ने यह मुद्दा नहीं उठाया: राठौर राठौर ने हिमाचल के चार लोकसभा, तीन राज्यसभा सांसदों से भी मांग की कि इस मुद्दे को पीएम और केंद्रीय विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया जाए। उन्होंने कहा- पहले भी जब अमेरिका के साथ ट्रेड डील चल रही थी, तब उन्होंंने सभी सांसदों को पत्र लिखकर सेब पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम नहीं करने का आग्रह किया था। मगर अनुराग ठाकुर को छोड़कर किसी का भी जवाब नहीं आया, जबकि अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री से मामला उठाने का भरोसा दिया था। राजनीति छोड़ सभी को संगठित होने की जरूरत विधायक राठौर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में सेब की अर्थव्यवस्था लगभग 5,000 करोड़ रुपए की है, और नए फैसले से इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वे सभी बागवान संगठनों के साथ बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही एक बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी इस मुद्दे पर बात करने और भाजपा सांसदों तथा नेता प्रतिपक्ष को केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाने की सलाह दी।