हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाएं आज रात 8 बजे से 48 घंटे के लिए पूरी तरह बंद रहेंगी। एम्बुलेंस कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान किया है, जिससे राज्य की आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग वैकल्पिक व्यवस्था का दावा कर रहा है। इससे सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर मरीजों और अन्य आपातकालीन स्थितियों में फंसे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से वेतन वृद्धि, सेवा सुरक्षा और अन्य बुनियादी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार और संबंधित कंपनी उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। मांगों को लेकर कई बार दिया ज्ञापन, समाधान न होने पर हड़ताल कर्मचारियों के अनुसार, वे वर्षों से कम वेतन और अस्थायी परिस्थितियों में काम कर रहे हैं, लेकिन कई बार ज्ञापन देने और बातचीत के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकला। इसी के चलते अब काम बंद करने का फैसला लिया गया है। एम्बुलेंस कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि वे 27 दिसंबर की रात 8 बजे तक सेवाएं बहाल नहीं करेंगे। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर लिखित और ठोस आश्वासन नहीं मिलता, हड़ताल जारी रहेगी। स्वास्थ्य विभाग का वैकल्पिक व्यवस्था का दावा स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने का दावा किया है। विभाग ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर सरकारी संसाधनों से मरीजों को लाया ले जाया जाएगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। हालांकि यह दावा कितना प्रभावी होगा, यह तो समय बताएगा। गांवों में एंबुलेंस ही आधार हैं हकीकत यह है कि प्रदेश के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में 108 और 102 एम्बुलेंस ही आपातकालीन सेवाओं की मुख्य आधार हैं। ऐसे में इस हड़ताल का सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। विशेषकर गर्भवती महिलाओं, गंभीर मरीजों और दुर्घटना में घायल हुए लोगों के लिए स्थिति चिंताजनक हो सकती है।