आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में दो दिवसीय ‘पेसा (PESA) उत्सव’ हिमाचल के किन्नौर जिले का विशेष ध्यान दिया गया। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम, 1996 के सफल कार्यान्वयन और जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देना था। इस दौरान जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण के लिए कई डिजिटल और शैक्षिक पहल शुरू की गईं। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने किन्नौर जिले की प्रशासनिक और सांस्कृतिक विशेषताओं पर आधारित एक ई-बुक लॉन्च की। सादी जनजातीय भाषाओं में तैयार किए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल भी जारी किए गए, जिनका उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर जागरूकता बढ़ाना है। कार्यक्रम में ‘पेसा (PESA) पोर्टल’ का भी शुभारंभ किया गया। यह पोर्टल अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी और जानकारी के प्रसार में सहायक होगा। इसके अतिरिक्त, राज्यों में जमीनी स्तर पर प्रगति का आकलन करने के लिए ‘पेसा संकेतक’ (PESA Indicators) भी जारी किए गए। इसमें किन्नौर जिला परिषद की उपाध्यक्ष प्रिया नेगी व जिला परिषद सदस्य हितेश नेगी ने भाग लिया। उन्होंने क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की। किन्नौर की संस्कृति को दर्शाते हुए लोक नृत्य की प्रस्तुति भी दी। उत्सव में पेसा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले 10 राज्यों की जनजातीय विरासत, पारंपरिक खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। सभी 10 पेसा राज्यों में विशेष ग्राम सभाओं का भी आयोजन किया गया।