शिमला जिला के कोटखाई में सरकारी उपक्रम हिमाचल बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (HPMC) द्वारा खरीदा गया सेब दो-दो जेसीबी लगाकर सड़क से बाहर फेंका जा रहा है।इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसके बाद, हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HPPCB) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि साल 2023 में जब रोहड़ू के बलासन निवासी बागवान यशवंत ने कुछ पेटी सेब नाले में फेंका था तो उन पर HPPCB ने एक लाख रुपए की पैनल्टी लगाई थी। इस बार, जब एचपीएमसी का कई क्विंटल सेब नाले में फेंका जा रहा है। इस पर कार्रवाई नहीं की गई। कोटखाई निवासी अंकुश चौहान ने HPPCB से एचपीएमसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में सैकड़ों टन सेब सड़कों पर सड़ रहा है। MIS के तहत बागवानों से सेब खरीदती है सरकार राज्य सरकार हर साल बागवानों से निम्न क्वालिटी का सेब मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत खरीदती है। इस बार भी 12 रुपए प्रति किलो के हिसाब से निम्न क्वालिटी का सेब बागवानों से खरीदा गया। इस सेब से एचपीएमसी एपल जूस और दूसरे उत्पाद तैयार करता है। इस बार एचपीएमसी ने रिकॉर्ड खरीद की इस बार एचपीएमसी ने MIS के तहत लगभग 90 हजार मीट्रिक टन सेब की खरीद की है। इसमें से लगभग 25 हजार मीट्रिक टन सेब एचपीएमसी खुद रखेगा, जिससे एपल जूस व दूसरे उत्पाद बनाए जाएंगे। बाकी का सेब ऑक्शन किया जाना है। मगर बीते दिनों के दौरान- भारी बारिश से सड़कें बंद होने से बड़ी मात्रा में सेब को लिफ्ट व ऑक्शन नहीं किया जा सका। इससे बड़ी मात्रा में सेब सड़कों के किनारे बोरियों में भरे-भरे सड़ रहा है। एचपीएमसी ने सेब की खरीद के लिए प्रदेशभर में 270 से खरीद केंद्र खोलने थे। इनके माध्यम से बागवानों से निम्न क्वालिटी का सेब लिया गया। सेब ऑक्शन और लिफ्ट नहीं होने की वजह से सरकार को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। वीडियो कहां का, मेरे ध्यान में नहीं: मेहरबान HPPCB के जूनियर एनवायरमेंट इंजीनियर मेहरबान भारती ने बताया कि, सेब फेंकने का वीडियो उनके ध्यान में नहीं है। संबंधित पंचायत से रिपोर्ट लेने के बाद कुछ प्रतिक्रिया दे पाउंगा।

Spread the love