हिमाचल में आर्थिक संकट के बीच माननीय (विधायकों) की सैलरी और भत्ते लगभग 30 प्रतिशत बढ़ गए हैं। राज्य सरकार ने इसी साल बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश लेजिस्लेटिव असेंबली (अलाउंसेज एंड पेंशन ऑफ मेंबर) अमेंडमेंट बिल 2025 को चर्चा के बाद पारित किया था। राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे राजपत्र में नोटिफाई कर दिया गया। इसके बाद विधायकों को अब लगभग 2.97 लाख रुपए मासिक सैलरी-भत्ते मिलेंगे। अब तक इन्हें लगभग 2.10 लाख रुपए मासिक सैलरी-भत्ते मिलते रहे हैं। विधायकों की बेसिक सेलरी 55 हजार रुपए से बढ़ाकर 85 हजार रुपए कर दी गई है। सीएम को लगभग 3.40 लाख सैलरी-भत्ते मिलेंगे हिमाचल में मुख्यमंत्री को अभी तक लगभग 2 लाख 65 हजार रुपए मासिक वेतन-भत्ते मिलते है। अब यह बढ़कर लगभग 3 लाख 40 हजार से अधिक हो जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्रियों को अभी 2.55 लाख रुपए मिलते है। इनकी सैलरी-भत्ते बढ़कर लगभग 3.30 लाख रुपए हो जाएंगे। हर पांच साल में बढ़ेगी माननीय की सैलरी राज्य सरकार ने संशोधन करके विधायकों की सैलरी हर 5 साल बाद बढ़ाने का प्रावधान किया है। लिहाजा अब विधायकों की सैलरी-पेंशन प्राइस इंडेक्स के हिसाब से बढ़ेगी। इसके बाद विधायकों की सैलरी-भत्ते एक अप्रैल 2030 को दोबारा बढ़ेंगे। यानी अब सैलरी-भत्ते बढ़ाने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक की जरूरत नहीं रहेगी। 2016 में आखिरी बार वेतन बढ़ोतरी हिमाचल में विधायकों की सैलरी-भत्ते मई 2016 में आखिरी बार बढ़े थे। लगभग 9 साल बीतने के बाद दोबारा इनके वेतन-भत्ते में वृद्धि हुई थी। 2010 में 15 हजार थी बेसिक सैलरी साल 2010 में विधायक की बेसिक सैलरी 15 हजार थी, जिसे बढ़ाकर 30 हजार रुपए किया गया। मई 2016 में बेसिक सैलरी 30 हजार से बढ़ाकर 55 हजार रुपए की गई। अब इसे 70 हजार रुपए कर दिया गया है।

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