हिमाचल प्रदेश के भरमौर में राहत एवं बचाव कार्य पूर्ण करके शिमला लौटे राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों लोगों के मरने की अफवाहे फैलाई गई। हकीकत में इस आपदा के दौरान 17 लोगों की जान गई है। जगत नेगी ने कहा, 17 लोगों में भी ज्यादातर की मौत ऑक्सीजन की कमी और ठंड हुई है। उन्होंने किसी भी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि देश में झूठ बोलने व अफवाहें फैलाने में एक ही पार्टी माहिर है। मणिमहेश यात्रा को लेकर भी पार्टी द्वारा ऐसा ही झूठ फैलाया गया। इससे लोगों में भय का माहौल बन गया। उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने वाले यूट्यूबर, चैनलों और लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। शुरुआत में टैक्सी चालकों ने ओवर चार्ज किया: मंत्री राजस्व मंत्री ने स्वीकार किया कि चंबा में शुरुआत में प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कमी रही। कई टैक्सी चालकों ने फंसे हुए लोगों से ओवर चार्ज किया। मगर उनके वहां पहुंचते ही बाद में सड़क बहाली, टैक्सी सेवा और मुफ्त परिवहन की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा, मणिमहेश में फंसे लोगों के भोजन को लंगर लगाए गए। लंगर समितियों और स्थानीय पंचायतों ने मणिमहेश श्रद्धालुओं के भोजन और आवास की सुविधा उपलब्ध कराई। उन्होंने कहा, इंटरनेट सेवा खराब मौसम और संचार लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से बाधित हुई थी। 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु फंसे बता दें कि, चंबा जिला में 24 से 27 अगस्त के बीच की बारिश से भारी नुकसान हुआ। इससे खासकर भरमौर में 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु फंस गए। इस बीच राजस्व मंत्री जगत नेगी विधानसभा के मानसून सत्र को बीच में छोड़कर चंबा पहुंचे। चंबा से वह पैदल भरमौर गए। उन्होंने 8 दिन तक ग्राउंड जीरो पर रहकर राहत एवं बचाव कार्य की मॉनिटरिंग की। सभी मणिमहेश श्रद्धालुओं को भरमौर से निकालने के बाद वह आज सचिवालय पहुंचे। सभी श्रद्धालु सुरक्षित घर पहुंचे: नेगी इस दौरान उन्होंने कहा, सभी मणिमहेश यात्री सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, सेना के एम-17 हेलिकॉप्टरों ने गुरुवार को चार उड़ानों में 400 लोगों को चंबा पहुंचाया। बुधवार को 500 से अधिक श्रद्धालुओं को हवाई मार्ग से निकाला गया।