दीपिका मल्होत्राः न्यूज प्लस:कुल्लूः ढालपुर मैदान विश्वभर मे दशहरा उत्सव को लेकर जाना जाता है। इस उत्सव के दौरान विश्वभर से लोग यहां आते है और अपनी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देते है जिससे हमे विभिन्न संस्कृति को जानने व समझने का अवसर तो मिलता ही है वहीं बाहरी लोगों को प्रदेश की संस्कृति को जानने व समझने का भी अवसर मिलता है। वह चाहे भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा हो, 300 देवी देवताओं का दशहरे में आना हो, व्यापारिक मेला हो और संध्या कार्यक्रम हो। जिससे यह उत्सव विश्वभर में अपनी इसी प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है लेकिन वहीं हम इसके दुसरे पहलु पर बात करें तो उत्सव के शुरू होन से पूर्व और उत्सव होने के बाद इन मैदानो की देखरेख पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता अधिकतर देखने को मिलता है कि जब इन मैदानों में कोई उत्सव होता है तो इन्हें सजाने का काम किया जाता है बाकी दिन यह मैदान नशेड़ियों के अड्डे बने हुए होते है। मैदानों में कूड़ा कचरा, नशे से संबंधित सामग्री देखी जा सकती है। नशे करने वाले लोग अपनी हदे पार कर अब तो देवी,देवताओं के स्थान पर भी नशे की सामग्री रखने लगे है। जो हमारी संस्कृति का मज़ाक बना रहे है। इस पर बुद्विजीवी लोगों का कहना है कि ऐसे लोगों पर प्रशासन को सख़्त कारवाई करनी चाहिए।