हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, जिन लोगों ने राजस्व मंत्री की तिरंगा लगी गाड़ी पर काले झंडे और जूते फेंके हैं, उन पर तिरंगे के अपमान का मामला दर्ज होगा। उन्होंने कहा, भाजपा वर्करों की यह करतूत अशोभनीय है। सरकार ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है। बता दें कि बीते शुक्रवार को सराज विधानसभा के जंजैहली में कुछ लोगों ने थुनाग हॉर्टिकल्चर कॉलेज शिफ्ट करने के विरोध में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को काले झंडे दिखाए और उनकी तिरंगा लगी गाड़ी पर जूते व काले झंडे फेंके। मुख्यमंत्री सुक्खू इस घटना पर भड़क उठे हैं। उन्होंने कहा, सरकार ने हॉर्टिकल्चर कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों की डिमांड पर थुनाग कॉलेज को दूर नहीं, बल्कि मंडी जिला के ही साथ लगते नाचन के गोहर शिफ्ट किया। राजस्व मंत्री यही बात बार-बार जनता को कह रहे थे कि यह सरकार का फैसला है। मगर भाजपा के लोगों ने राजस्व मंत्री के साथ गलत व्यवहार किया। सरकार इसकी निंदा करती है। सुखविंदर सुक्खू ने कहा, बीजेपी नेता कह रहे हैं कि उन पर भी FIR करों। सरकार FIR के लिए नहीं बल्कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए। आपदा से जो भी परिवार प्रभावित हुए हैं, सरकार उन्हें बसाएगी। उनके लिए स्पेशल पैकेज दिया जाएगा। जिनके घर टूटे, गाय, भेड़-बकरी बह गई, उन्हें भी राहत दी जाएगी। देर आए दुरुस्त आए, अच्छा है:CM मीडिया ने जब CM से सवाल किया कि BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में सभी भाजपा नेता और सांसद केंद्रीय मंत्रियों से राहत राशि के लिए मिले हैं, इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने तंज कसते हुए कहा, अच्छा होता कि जब 2023-24 में पूरे प्रदेश में सदी की सबसे भीषण तबाही हुई थी, उस दौरान भी भाजपा नेता केंद्रीय मंत्रियों से मिले होते? उन्होंने कहा, 2023 में जब पूरे प्रदेश में तबाही हुई थी तब कांग्रेस ने विधानसभा में 3 दिन चर्चा के बाद केंद्र से स्पेशल पैकेज की मांग को लेकर प्रस्ताव पास किया। भाजपा ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग के वक्त सदन से वॉकआउट कर दिया था। उन्होंने कहा, देर आए दुरुस्त आए, चलो अच्छा है। वन भूमि पर घर बनाने की अनुमित दें केंद्र: सुक्खू मुख्यमंत्री ने कहा, ‌BJP नेताओं को केंद्र से वन भूमि पर घर बनाने की इजाजत देने का मामला उठाना चाहिए, क्योंकि आपदा में कई लोगों की सारी जमीन बह गई है और घर बनाने को जगह नहीं बची। राज्य सरकार बार-बार केंद्र से वन भूमि पर घर बनाने की अनुमति मांग रही है। राज्यपाल के बयान पर जताई आपत्ति राज्यपाल संवैधानिक पद पर बैठे हैं। नशे पर हिमाचल सरकार को लेकर उनकी टिप्पणी शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा, हिमाचल सरकार ने नशे को खत्म करने के लिए हर जरूरी कदम उठाए है। राज्य में नशामुक्ति केंद्र खोला जा रहा है। अब राज्यपाल ने किस संदर्भ में टिप्पणी की है, इसे लेकर वह खुद राज्यपाल से मिलेंगे। बता दें कि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बीते सप्ताह राजभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा था कि हिमाचल सरकार नशे को लेकर गंभीर नहीं है।

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