हिमाचल प्रदेश के ट्राइबल क्षेत्र भरमौर के लामू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के स्टूडेंट आज (मंगलवार) पढ़ाई छोड़कर प्रदर्शन पर उतर आए हैं। स्कूल में टीचर नहीं होने की वजह से बच्चों ने लामू में सड़क पर चक्का जाम किया। दोपहर 12 बजे तक छात्रों ने स्कूल परिसर में धरना दिया। इसके बाद छात्र-छात्राएं चोली क्वारसी सड़क पर आकर बैठ गए। गुस्साएं छात्रों ने चक्का जाम कर दिया है। लामू सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पॉलिटिकल साइंस का इकलौता लेक्चरर तैनात है। वह भी ट्राइबल पीरियड पूरा करने के बाद अदालत से ट्रांसफर करवा चुका हैं। पॉलिटिकल के लेक्चरर के लामू स्कूल से रिलीव होते ही यह स्कूल खाली हो जाएगा। इससे बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित है। लामू स्कूल में इस साल अप्रैल में जब शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हुई थी, तो उस दौरान 19 छात्रों ने 11वीं और 12वीं कक्षा में दाखिला लिया था। अब केवल 8 ही बच्चे रह गए हैं। 11 छात्र साथ लगते दूसरे स्कूल को शिफ्ट हो गए हैं। फिर भी सरकार और शिक्षा विभाग इन बच्चों की मांग को गंभीरता से नहीं ले रहा। इसी तरह जब स्कूल शुरू हुआ था तो उस दौरान 11वीं व 12वीं कक्षा में 32 स्टूडेंट थे। मजबूरन हड़ताल का रास्ता चुनना पड़ा स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा, उनके बच्चे टीचर के बगैर पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। वह बार बार हिमाचल सरकार के मंत्रियों, विधायकों और शिक्षा विभाग से टीचर की तैनाती की मांग करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बच्चे साथ लगते होली स्कूल शिफ्ट हो गए हैं। सरकार और विभाग के रवैये को देखते हुए उन्हें हड़ताल पर बैठना पड़ा है उन्होंने बताया, स्कूल खुले हुए चार-पांच साल हो गए हैं। तब से एक ही शिक्षक यहां पर सेवाएं दे रहा है। वह भी यहां से ट्रांसफर होने वाला है। इस स्कूल के छात्र-छात्राएं पहले भी एक बार टीचर की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। स्कूल के छात्र-छात्राएं आज तख्तियां लेकर सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं। अंधकार में छात्रों का भविष्य: पंचायत प्रधान ग्राम पंचायत लामू के प्रधान लालचंद ने कहा, ट्राइबल क्षेत्र में शिक्षकों की कमी से बच्चों का भविष्य अंधकार में है। उन्होंने सरकार से प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की है। टीचर के बगैर बच्चों के साथ साथ उनके परिजन भी चिंतित है।