हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के गांव गंगथ, नूरपुर निवासी 23 वर्षीय इंजीनियरिंग स्टूडेंट नवनीत सिंह के परिवार ने निजी दुख को जनकल्याण में बदलते हुए उनका अंगदान कर तीन लोगों को नया जीवन दिया। नवनीत के हार्ट को नई दिल्ली के RML अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया, जबकि किडनी और पैंक्रियाज चंडीगढ़ PGI में जरूरतमंद मरीजों को लगाए गए। नवनीत 3 जुलाई 2025 को एक छत से गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें PGI चंडीगढ़ लाया गया, जहां 11 जुलाई को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इस कठिन समय में उनके पिता जनक सिंह ने साहसी फैसला लेते हुए बेटे के अंगदान का निर्णय लिया, जिससे तीन परिवारों को उम्मीद और नई जिंदगी मिली। दिल पर पत्थर रख लिया फैसला जनक सिंह ने कहा, “बेटे का अंगदान करने का निर्णय हमारे जीवन का सबसे कठिन फैसला था, पर यह जानकर संतोष है कि उसके अंगों से तीन लोगों को नया जीवन मिला। हमारे बेटे की विरासत अब इन लोगों के जीवन के रूप में आगे जिएगी।” इस फैसले में नवनीत की मां अंजू, बहन पूजा देवी और दादी सत्या देवी ने भी पूरा साथ दिया। पीजीआई की टीम ने नवनीत के हार्ट, किडनी और पैंक्रियाज को सफलतापूर्वक निकाला। पीजीआई में हार्ट के लिए कोई उपयुक्त मरीज न मिलने पर यह अंग RML दिल्ली भेजा गया। इसके लिए ROTTO नॉर्थ के सहयोग से NOTTO के जरिए ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। फ्लाइट से हार्ट को दिल्ली भेजा दिल्ली में 26 वर्षीय मरीज को हार्ट देने के लिए तेजी से इंतजाम किए गए। सुबह 5:45 बजे इंडिगो फ्लाइट से हार्ट को दिल्ली भेजा गया, जिसके लिए चंडीगढ़ पुलिस, मोहाली पुलिस, CISF और एयरपोर्ट अथॉरिटी की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। पीजीआई के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और ROTTO नॉर्थ के नोडल ऑफिसर प्रो. विपिन कौशल ने कहा, “हार्ट ट्रांसप्लांट जैसे मामलों में हर मिनट कीमती होता है। सभी एजेंसियों के तालमेल से अंग समय पर एयरपोर्ट पहुंचा और मरीज तक सुरक्षित पहुंचा, जिससे उसकी जान बचाई जा सकी।” पीजीआई में एक ही मरीज में किडनी-पैंक्रियाज का ट्रांसप्लांट प्रो. आशीष शर्मा के नेतृत्व में पीजीआई के रीनल ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट ने एक मरीज में सफलतापूर्वक किडनी और पैंक्रियाज का एक साथ प्रत्यारोपण किया। यह पीजीआई का 63वां पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट था, जो भारत में सबसे अधिक संख्या है। यह ऑपरेशन टाइप-1 डायबिटीज से मरीज को ठीक करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। दूसरी किडनी एक और मरीज को दी गई, जो लंबे समय से डायलिसिस पर था और एंड-स्टेज रीनल फैलियर से जूझ रहा था। पीजीआई ने नवनीत को दी श्रद्धांजलि पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. विवेक लाल ने कहा, “इस गहरे दुख की घड़ी में परिवार ने जो निर्णय लिया, वह मानवता की मिसाल है। उनके इस फैसले से कई लोगों को जीवन का दूसरा मौका मिला है। हम इस महान कार्य के लिए परिवार को दिल से धन्यवाद देते हैं।