हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज, टांडा में एक नई उपलब्धि हासिल की गई है। यहां के ईएनटी विभाग ने आज उत्तर भारत के सबसे कम उम्र के मरीज की सफल सर्जरी की है, जिससे वह आवाज सुनने लग गई। कॉलेज में 9 से 11 जुलाई तक “कॉक्लियर ब्रह्मोस” नामक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों से ईएनटी सर्जन और कॉक्लियर इम्प्लांट (श्रवण नुकसान वाले व्यक्तियों को सुनने में मदद करती) विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यशाला में तीन मरीजों की सर्जरी की गई। दो मरीजों को द्विपक्षीय और एक मरीज को एक पक्षीय कॉक्लियर इम्प्लांट लगाया गया। इनमें सबसे महत्वपूर्ण 14 महीने के बच्चे की सर्जरी थी। यह उत्तर भारत में इतनी कम उम्र के बच्चे की पहली सफल सर्जरी है। कार्यशाला में लाइव सर्जिकल प्रदर्शन, इंटरैक्टिव सत्र और केस चर्चा का आयोजन किया गया। इससे ईएनटी पेशेवरों और पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को सीखने का मौका मिला। सर्जरी ईएनटी विभाग के प्रमुख डॉ. मुनीश सारोच और उनकी टीम ने की। टांडा मेडिकल कॉलेज का ईएनटी विभाग उन्नत ईएनटी देखभाल और सर्जिकल नवाचार में अग्रणी है। यह सफल सर्जरी शिशुओं में श्रवण पुनर्वास के लिए नई उम्मीद जगाती है।