राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) ने घाटे में चल रहे 14 होटल प्राइवेट हाथों में देने के निर्देश जारी किए है। ऑपरेशन और मेंटिनेंस के लिए सरकारी होटल अब प्राइवेट हाथों में दिए जाएंगे। प्रिंसिपल सेक्रेटरी टूरिज्म ने पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक (MD) को तीन महीने के भीतर यह काम करने के निर्देश दिए हैं। प्रिंसिपल सेक्रेटरी के इन आदेशों से निगम कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। लंबे समय से इन होटलों को प्राइवेट हाथों में देने की चर्चाएं थी। आखिरकार सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। इन सरकारी होटलों में काम करने वाले कर्मचारियों का क्या होगा? इनकी सेवा शर्तें क्या रहेगी? इसे लेकर अभी कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। राज्य सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब पर्यटन निगम के रेवेन्यू में इजाफा हुआ है। इस वजह से कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ जबरदस्त रोष व्याप्त है। 28 जून को कैबिनेट ने लिया बंद करने का फैसला ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट के लिए जो होटल प्राइवेट हाथों में दिए जा रहे हैं, वह काफी समय से घाटे में चल रहे हैं। पर्यटन निगम के इन होटलों को घाटे से उबारने के लिए कई प्रयास भी किए। सरकार के ऑर्डर के मुताबिक करोड़ों रुपए से बने 14 सरकारी होटल प्राइवेट हाथों में दिए जाएंगे। राज्य मंत्रिमंडल की 28 जून की बैठक में इसे बंद करने का फैसला ले लिया गया था। निगम के इस निर्णय का करेंगे विरोध: कर्मचारी पर्यटन निगम कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी राज कुमार ने बताया कि निगम के इस फैसला का विरोध किया जाएगा। अभी सरकार के आदेशों को स्टडी किया जा रहा है। इसके बाद आगामी रणनीति बनाई जाएगी। सरकारी संपत्ति को प्राइ‌वेट हाथों में देने का कर्मचारी हर स्तर पर विरोध करेंगे। HPTDC के MD राजीव ने बताया कि यह कैबिनेट का फैसला है। इन होटल को कैसे प्राइवेट हाथों में दिया जाएगा? कर्मचारियों की सेवा शर्तें क्या रहेगी। इन सब पर अब फैसला होना है। हाईकोर्ट ने भी दिए थे 18 होटल बंद करने के आदेश इससे पहले बीते साल नवंबर माह में हिमाचल हाईकोर्ट ने भी HPTDC के घाटे में चल रहे 18 होटलों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए थे। यह आदेश मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को वित्तीय लाभ से जुड़ी याचिका पर दिए गए थे। तब कोर्ट ने इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा था कि ये राज्य पर बोझ साबित हो रहे हैं। पर्यटन निगम की रिव्यू पिटीशन पर डाली और डबल बैंच ने सिंगल बैंच के फैसले पलटा। तब निगम ने अपने रिटायर व मृत कर्मचारियों के आश्रितों वित्तीय लाभ देने का अदालत में भरोसा दिया। इसके बाद अदालत ने होटल जारी रखने के आदेश दिए।

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