मंडी शहर के विश्वकर्मा चौक पर स्थित पहाड़ी पर एक बार फिर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने इस पहाड़ी को सुरक्षित करने के लिए 1.66 करोड़ रुपए खर्च किए थे। विभाग ने सेल्फ ड्रिल एंकर, मैट और मैस तकनीक का प्रयोग किया था। शनिवार रात को हुई तेज बारिश के बाद रविवार सुबह यह तकनीक विफल हो गई। पहाड़ी पर लगाई गई जाली और नेट फट गई। इससे मलबा बिखर कर बाहर आ गया। इस घटना से पहाड़ी के ऊपर बसे कई मकानों को खतरा उत्पन्न हो गया है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में पहली बार इस तकनीक का प्रयोग किया गया था। इस तकनीक में सबसे पहले सेल्फ ड्रिल एंकर किए गए। इनमें गहराई तक मसाला भरा गया। फिर इसके ऊपर मैट लगाई गई और लोहे के जाले लगाए गए। अंत में इसे नेट बोल्ट से सुरक्षित किया गया। विभाग का दावा था कि यह तकनीक बेहतरीन है। उत्तर भारत के कई स्थानों पर इस तकनीक का सफल प्रयोग किया गया है। लेकिन मंडी में पहली ही बारिश में इसकी विफलता से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश है।