हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के देहरा में प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर में आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रों के दौरान एक बड़ी घटना सामने आई है। मंदिर की सजावट के लिए लगाए टैंट को गणेश जी और लक्ष्मी माता के मंदिरों के सोने चढ़े गुंबदों से बांधा गया। इस लापरवाही के कारण दोनों गुंबद टूटकर नीचे गिर गए। घटना में कोई श्रद्धालु घायल नहीं हुआ। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल घटना का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। श्रद्धालुओं और समाजसेवियों ने मंदिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। होशियारपुर से आई गुरमीत कौर, यूपी से आई सपना देवी और पंजाब से आए जितेंद्र ने मंदिर प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि मंदिर की पवित्र धरोहर की सुरक्षा मंदिर प्रशासन का दायित्व है। पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई वहीं न्यास सदस्य कपिल शर्मा ने आरोप लगाया है कि मंदिर अधिकारी बिना न्यास सदस्यों से सलाह लिए फैसले लेते हैं। उन्होंने कहा कि पहले कभी सजावट के दौरान ऐसी घटना नहीं हुई। अब सवाल उठ रहा है कि टूटे गुंबदों की मरम्मत का खर्च कौन उठाएगा। डीसी ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर गुंबद श्रद्धालुओं पर गिरते तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। जिम्मेदार कर्मी से होंगे जवाब तलब डीसी कांगड़ा एवं मंदिर आयुक्त हेमराज वैरवा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी और जिम्मेदार कर्मियों से जवाब तलब किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।श्रद्धालुओं ने मांग की है कि गोल्डन प्लेटेड गुंबदों को दोबारा स्थापित किया जाए और भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो ताकि मंदिर की मर्यादा और श्रद्धालुओं की आस्था बनी रहे।

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