किन्नौर में जल शक्ति विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है। इससे कर्मचारियों के परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। आउटसोर्स महासंघ किन्नौर के अध्यक्ष के.के. नेगी ने मुख्यमंत्री सुक्खू से स्थायी नीति बनाने का अनुरोध किया है। के.के. नेगी ने बताया कि कर्मचारियों को पहले से ही कम वेतन मिलता है। बजट सत्र में प्रतिदिन 25 रुपए की वेतन वृद्धि की घोषणा की गई थी। लेकिन दो-तीन माह बीतने के बाद भी इसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। कर्मचारियों का बकाया वेतन जारी करने की मांग नेगी ने सरकार से कर्मचारियों का बकाया वेतन जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने का वादा किया था। सरकार के तीन साल पूरे होने को हैं। लेकिन अभी तक कोई ठोस नीति नहीं बनी है। ‘समान काम समान वेतन’ का सिद्धांत भी लागू नहीं हुआ है। नेगी ने मुख्यमंत्री से स्थायी नीति बनाने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इससे कर्मचारियों का शोषण रुकेगा और उनके परिवारों का बेहतर पालन-पोषण हो सकेगा।