ऊना की ग्राम पंचायत चताड़ा की प्रधान नीलम कुमारी को जिला प्रशासन द्वारा बुधवार निलंबित किए जाने के बाद पूरे पंचायत क्षेत्र में असंतोष है। प्रधान के साथ-साथ उपप्रधान ज्ञान दास व अन्य महिला वार्ड सदस्यों ने इस कार्रवाई को मनमाना और पक्षपातपूर्ण बताते हुए सामूहिक इस्तीफे की घोषणा कर दी। पंचायत के सभी सदस्य बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ डीसी कार्यालय पहुंचे। पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि नीलम कुमारी एक ईमानदार, सक्रिय और जनसेवी प्रधान हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में गांव के विकास के लिए कई योजनाओं को धरातल पर उतारा। बावजूद इसके, प्रशासन द्वारा बिना निष्पक्ष जांच के उन्हें निलंबित कर देना तानाशाही का प्रतीक है। निलंबन पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित उन्होंने कहा कि यह निलंबन पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। पंचायत प्रतिनिधि ने कहा कि पंचायत प्रधान गांव के विकास कार्य के लिए जेल से पैसा खर्च करने में भी पीछे नहीं हटती, अब उन पर महज कुछ हजार रुपए के गबन का आरोप लगाकर राजनीतिक शिकार किया जा रहा है। निलंबित प्रधान का बयान निलंबित प्रधान नीलम कुमारी ने कहा उन्होंने हमेशा ईमानदारी से पंचायत का संचालन किया है। विकास कार्यों में पारदर्शिता और जनसुनवाई को प्राथमिकता दी है, लेकिन कुछ राजनीतिक शक्तियों को यह रास नहीं आया और मुझे साजिश के तहत निशाना बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि महिला पंचायत प्रधानों के खिलाफ इसी तरह से विधायकों के कहने पर राजनीतिक द्वेष के चलते अन्यायपूर्ण कार्रवाई होती रही तो आने वाले समय में कोई भी महिला पंचायती राज संस्थाओं में जिम्मेदारी लेने से गुरेज करेगी।