कांगड़ा जिले में जल शक्ति विभाग की फिना सिंह परियोजना को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विभाग ने जून में 300 करोड़ रुपए की लागत वाले बांध निर्माण का टेंडर एक ऐसी कंपनी को दे दिया है, जिसे इस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है। जल शक्ति विभाग ने टेंडर से जॉइंट वेंचर की शर्त हटा दी। इससे प्रतिस्पर्धा समाप्त हो गई। विभाग पर एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह टेंडर जनरल फाइनेंशियल रूल्स का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय संविधान में दिए गए समान अवसर और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों के खिलाफ है। विमल नेगी की मौत का जिक्र ठाकुर ने पेखुवेला प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्य अभियंता विमल नेगी की मृत्यु के बाद भी सरकार ने सबक नहीं सीखा। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले को कानूनी स्तर पर आगे ले जाया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों दबाव बनाने का आरोप इसमें कंपटीशन एक्ट की भी सीधी अवहेलना की गई है। क्योंकि विभाग ने इस टेंडर में प्रतिस्पर्धा को ही खत्म कर दिया। सुचना यह भी है कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर इस टेंडर को लेकर दबाव बनाए गए हैं, जो इस पूरे मामले को और भी गंभीर बना देती हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या यही है वह “संविधान बचाओ” आंदोलन है जिसकी बात देशभर में कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में जहां कांग्रेस सरकार है, वहां सरकारी संस्थाओं के माध्यम से संविधान को ही सबसे अधिक रौंदा जा रहा है। चहेतों की जेबें भरने का आरोप भ्रष्टाचार किसी भी प्रदेश को दीमक की तरह खोखला करता है। हमें ऐसा हिमाचल चाहिए जहां योजनाएं विकास के लिए बनें, न कि चहेतों की जेबें भरने के लिए। सरकारें आती जाती हैं, लेकिन जनहित सर्वोपरि होना चाहिए। निष्पक्ष जांच की मांग उन्होंने कहा कि टेंडर को अवैध और जनविरोधी मानते हैं। इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और यदि राज्य सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाती है, तो हम जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, सेंट्रल विजिलेंस कमीशन और अन्य संस्थाओं के समक्ष ये बात उठाएंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा । मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि अगर इस बार भी तथ्यों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो मैं इस पूरे मामले को कानूनी रूप से एक निष्कर्ष तक ले जाऊंगा।