हिमाचल प्रदेश के राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने किन्नौर में सेब बागवानों को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन किया है। रिकांगपिओ में पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि बागवान अपना सेब कहीं भी बेच सकते हैं। उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मंत्री ने कहा कि सेब आढ़तियों को मार्केट यार्ड में अपना लाइसेंस प्रदर्शित करना होगा। यदि कोई आढ़ती बागवान के खेत में सेब खरीदने जाता है, तो उसे भी लाइसेंस दिखाना अनिवार्य है। यह व्यवस्था बागवानों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए की गई है। सेब सीजन को लेकर एक हुई बैठक शिमला में हाल ही में सेब सीजन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें जिला प्रशासन, बागवान संगठन, एचपीएमसी, स्टेक होल्डर्स, उद्यान विभाग, मार्केटिंग बोर्ड और आढ़तियों ने हिस्सा लिया। बैठक में बागवानों की चिंताओं पर चर्चा की गई। नीति आयोग कर रहा टैरिफ को हटाने पर विचार बागवान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा अमेरिका से सेब आयात पर प्रस्तावित टैरिफ का मुद्दा उठाया। इससे हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे सेब उत्पादक राज्यों को नुकसान की आशंका है। नीति आयोग इस टैरिफ को हटाने पर विचार कर रहा है। बैठक में यह भी तय किया गया कि सेब को किलो के हिसाब से बेचने और यूनिवर्सल कार्टन के उपयोग को इस बार सख्ती से लागू किया जाएगा। पिछले सीजन में इन नियमों के पालन में कुछ कमियां देखी गई थीं।