भाखड़ा डैम के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा में चल रहे विवाद मामले की आज 23 मई को दोबारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं डैम पर सीआईएसएफ की तैनाती की प्रक्रिया के लिए तैयारियां शुरू हाे गई हैं। वहां पर बने क्वार्टरों को खाली करने के लिए नोटिस जारी हो गए है। जिससे वहां पर रहने वाले लोग आहत है। सीएम भगवंत मान ने इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पुलिस खुद सिक्योरिटी दे रही है तो फिर हम पैसे क्यों दे। उन्होंने इस मामले पंजाब भाजपा के नेताओं से सवाल किया है। साथ ही पूछा है कि क्या आपकी सहमति से यह पत्र जारी हुआ है। बीबीएमबी व हरियाणा सरकार ने किया गुमराह
वीरवार को जब इस मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो पंजाब ने केंद्र ने हरियाणा सरकार पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाया। सरकार की तरफ से एक एप्लीकेशन लगाई गई। जिसमें कहा गया कि 28 अप्रैल को बीबीएमबी में पानी के मुद्दे पर सभी राज्यों की मीटिंग हुई थी। लेकिन उसमें जब इस मामले का कोई हल नहीं निकला तो हरियाणा सरकार ने बीबीएमबी के चेयरमैन को पत्र लिखा। साथ ही हरियाणा के सीएम ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को पत्र लिखा। वहीं, बीबीएमबी के चेयरमैन ने मामला केंद्र को भेज दिया। इसके बाद हुई मीटिंग में गृह सचिव की अध्यक्षता में जो बैठक हुई। जबकि पावर डिपार्टमेंट कभी मीटिंग नहीं लेता है। आज दोपहर में दोबारा सुनवाई होगी। बिट्‌टू ने दिया सीएम का जवाब
इस मामले में पंजाब सीएम का कहना है कि पंजाब भाजपा के नेता बताए कि क्या उनकी सहमति से सीआईएसएफ लगाने का फैसला हुआ है। सीएम ने कहा कि उकनी चुपी को सहमति समझा जाएगा। दूसरी तरफ इस मामले में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सीआईएसएफ का काम सुरक्षा का है। पानी छोड़ने से उनका लेना देना नहीं है

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