जातियों के आंकड़े आने में तो तीन-चार साल का वक्त लगेगा लेकिन इसका पहला असर पांच महीने के बाद बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में दिखेगा। महागठबंधन के हाथ से बड़ा मुद्दा हट कर बीजेपी के पास पहुंच जाएगा। 

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