हिमाचल सरकार ने जनता के विरोध के बीच न्यूनतम बस किराया 5 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए कर दिया है। सरकार ने कैबिनेट के फैसले को लागू कर दिया है। इसे लेकर शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। अब यदि कोई व्यक्ति 100-200 मीटर सफर भी करता है, तो भी उसे 10 रुपए देने होंगे। कांग्रेस सरकार ने 4 किलोमीटर तक का किराया 10 रुपए कर दिया हैं। इससे ज्यादा लंबा सफर करने वाले यात्रियों को 2 रुपए 19 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से पहले से तय दरों पर टिकट का भुगतान करना होगा। सरकार के इस फैसले के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) और प्राइवेट बसों में कल से ही न्यूनतम किराया दोगुना हो गया है। इसके बाद लोकल रूटों पर सफर करने वाले लोगों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। इसका ज्यादा असर निर्धन और मध्यम वर्ग पर पड़ने वाला है, क्योंकि ज्यादातर गरीब और मध्यम वर्ग के लोग ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते है। 5 अप्रैल को कैबिनेट ने दी थी मंजूरी राज्य मंत्रिमंडल ने बीते 5 अप्रैल को न्यूनतम बस किराया दोगुना करने की मंजूरी दी थी। मगर तब लोगों के विरोध के कारण इसे होल्ड किया गया था। लोगों का गुस्सा शांत होने पर आज अधिसूचना जारी कर दी गई है। प्रदेश में सरकारी और प्राइवेट बसों में रोजाना 8 लाख से 10 लाख यात्री सफर करते हैं। इनमें ज्यादातर यात्री शहरों में लोकल सफर करते हैं। न्यूनतम किराया बढ़ोतरी की मार भी लोकल रूटों पर सफर करने वाले यात्रियों पर ज्यादा पड़ने वाली है। नेता प्रतिपक्ष बोलें- गरीब पर बोझ डालने वाला फैसला नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बसों के न्यूनतम किराए को दोगुना करने के सरकार के फैसले की निंदा करते हुए आमजन विरोधी कदम बताया। उन्होंने कहा, मध्यम और गरीब परिवार के यात्रा का एकमात्र साधन ही सरकारी और निजी बसें हैं। उनके न्यूनतम किराए में दोगना की वृद्धि करने से हर परिवार पर हर महीने कम से कम हजार रुपए से ज्यादा का बोझ पड़ेगा।

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