हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। किन्नौर में निकाले गए कैंडल मार्च में मृतक की पत्नी किरण नेगी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। किरण नेगी ने कहा कि उन्होंने एसआईटी को दिए बयान में तीन अधिकारियों के नाम दिए थे। इनमें प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देशराज और डायरेक्टर पर्सनल शिवम प्रताप सिंह शामिल हैं। उनका आरोप है कि ये तीनों अधिकारी विमल नेगी को प्रताड़ित कर रहे थे। मुख्यमंत्री सुक्खू और डीआईजी ने एसआईटी गठन का आश्वासन दिया था। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के नेतृत्व में एसआईटी को 15 दिन में रिपोर्ट देनी थी। 15 दिनों का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है। पुलिस ने सिर्फ देशराज से पूछताछ की है। जमानत रद्द होने पर खुलेआम घूम रहा आरोपी किरण नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा जमानत रद्द होने के बावजूद देशराज शिमला में खुलेआम घूम रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस का दावा था कि उसका फोन ट्रैक किया जा रहा है, लेकिन वह दिल्ली तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले को कहीं और ही घुमा रही है। वहीं भाजपा लगातार इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही है। पार्टी प्रदेशभर में कैंडल मार्च निकाल रही है। शनिवार को विमल नेगी के गृह जिला किन्नौर में भी केंडल मार्च निकाला, इस दौरान किरण नेगी ने भी सवाल उठाया है कि सरकार सीबीआई जांच से क्यों बच रही है। किरण नेगी ने कहा कि, विमल नेगी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक विमल की मृत्यु 13-14 तारीख को हुई। ऐसे में वह 10 ,11, 12 और 13 तारीख तक कहां थे पुलिस इसकी जांच क्यों नहीं करवाती। परिवार का आरोप है कि उन्हें किडनैप करके हत्या की गई। इसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। किरण नेगी ने शोंग टोंग और पेखुवाला पावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के कितने मामले में है । उससे उन्हें कुछ नही लेना लेकिन विमल नेगी को न्याय मिले उसकी जांच करवाओ। उन्होंने कहा कि SIT प्रमुख एसीएस ओंकार शर्मा को उन्होंने बयान दिए है उसमें नाम लिए है। प्रदेश सरकार सीबीआई जांच से क्यों बच रही है। वो सीबीआई जांच करवाएं। राजस्व मंत्री मिलने तक नहीं आए : किरण उन्होंने स्थानीय विधायक, बागवानी व राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी पर भी सवाल उठाए हैं। किरण का कहना है कि मंत्री उनसे मिलने तक नहीं आए। वह एक मिनट भी बात करने को राजी नहीं हैं। उनके पास तो जबकि ट्रांसफर के लिए वह 10 बार उनसे मिल चुके थे। उन्होंने कहा वो हमारे विधायक हैं। उन्होंने कहा कि आज एक अधिकारी के साथ ऐसा हुआ है, कल किसी के साथ भी हो सकता है। इसलिए लोग सड़कों पर आए हैं। उनकी अंतर आत्मा जिंदा है, ताकि विमल नेगी को न्याय मिल सके और अन्य लोगों के साथ ऐसा ना हो।