हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद एवं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट पर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा, कंगना को सांसद बने हुए एक साल बीत गया हैं। मगर, जब से वह सांसद चुनी गई हैं, तब से दो बार ही हिमाचल में नजर आई हैं। एक बार जब कंगना ने मनाली में अपना निजी रेस्टोरेंट खोला और दूसरी बार एक मीटिंग में नजर आई थीं। इसके अलावा कंगना ने मंडी की जनता को दर्शन नहीं दिए। 11 महीने देरी से दिशा कमेटी बनाई: विक्रमादित्य विक्रमादित्य सिंह ने कहा, मंडी में 11 महीने देरी के बाद जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समितियां (दिशा) प्रो डेवलपमेंट कमेटी का गठन किया, जबकि किसी भी लोकसभा के विकास की रेखा दिशा कमेटी तय की जाती है। हर जिला में सांसद की दिशा कमेटी मीटिंग की अध्यक्षता करती है। मंडी संसदीय क्षेत्र में मंडी के अलावा कुल्लू, लाहौल स्पीति, किन्नौर और शिमला जिला का रामपुर विधानसभा क्षेत्र भी आता है। लिहाजा इन सभी जिलों में सांसद की अध्यक्षता में दिशा कमेटी की मीटिंग MP द्वारा ली जाती है। सांसद निधि का पैसा कहां खर्च होना है, यह दिशा कमेटी तय करती है। कंगना बताए कि कितनी बार हिमाचल के मुद्दे संसद में उठाए: विक्रमादित्य विक्रमादित्य ने कहा कि कंगना के पास दिशा की महत्वपूर्ण मीटिंग में शामिल होने तक का समय नहीं है। उन्होंने कहा, कंगना ने हिमाचल के मुद्दों को कितनी बार संसद में उठाया? क्या विकास कार्य किए, इसकी उन्हें जानकारी जनता को देनी चाहिए, ताकि जनता तय कर सके कि चुनाव के वक्त नजर आने वाले लोगों का जनता को पता चल सके। वक्फ संशोधन बिल पर बोले मंत्री विक्रमादित्य ने कहा, वक्फ संशोधन बिल पर कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने खुल कर अपनी बात को रखा है। सभी चाहते हैं कि सुधार हो। मगर पारदर्शिता के साथ हो। इसमें बहुत सी विरोधाभासी चीजे सामने आ रही है। उन्होंने कहा, जो बातें कांग्रेस और दूसरे दलों ने रखी है उस पर सरकार को मंथन करना चाहिए। जयराम को भूलने की बीमारी: विक्रमादित्य विक्रमादित्य ने कहा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को भूलने की बीमारी हो गई है। उन्होंने चार दिन पहले ही पीडब्ल्यूडी मंत्री के तौर पर विभागीय विकास कार्य की जानकारी सदन में दी है। यह राशि विभिन्न योजनाओं में हर राज्य को मिलती है। मगर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बार बार आपदा में सहयोग नहीं मिलने की बात कह रहे हैं, यह सही है। आपदा के लिए हिमाचल को एक भी पैसे की मदद नहीं मिली है। हिमाचल को जो सहयोग मिल रहा है, उसका हम धन्यवाद कर रहे हैं।