नरेंद्र मोदी से पहले की सरकारें मुसलमानों से जुड़े किसी भी कानून को छेड़ने से डरती थी, वे मुस्लिम वोटों के ठेकेदारों से खौफ खाती थीं। मुस्लिम वोट मिलता रहे, इस वजह से मुसलमानों को नाराज़ करने के ख्याल से भी घबराती थीं। नरेंद्र मोदी ने इस नैरेटिव को बदला है। 

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