उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत ‘‘स्वाभाविक रूप से एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र’’ है तथा किसी को भी इसे सहिष्णुता और भाईचारे के गुण सिखाने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत ‘‘स्वाभाविक रूप से एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र’’ है तथा किसी को भी इसे सहिष्णुता और भाईचारे के गुण सिखाने की जरूरत नहीं है।