{अनुरंजनी गौत्तम -शिमला } बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा पेश किए गए स्टांप ड्यूटी संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। राजस्व मंत्री ने कहा कि जब कोई किसी भी किस्म का लेनदेन करते हैं, जैसे हम कोई जमीन खरीदते हैं या जमीन को बेचते हैं। उसमें स्टांप ड्यूटी आम नागरिक को भी देना पड़ता है, जो 8 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। जब कोई बड़ी या छोटी कंपनी एक दूसरे से मर्ज हो जाती है, तो समय रहते कोई भी किसी किस्म की स्टांप ड्यूटी नहीं देते, जबकि वह ट्रांजैक्शन एक किस्म से लेन देन है। जिसमें किसी प्रकार की स्टांप ड्यूटी नहीं ली जाती थी। नेगी ने कहा कि अब सरकार ने बड़ी कंपनी से छोटी कंपनी को मर्ज करने पर बड़ी कंपनी के स्टांप ड्यूटी देने का प्रावधान किया है। कहा किस्टांप ड्यूटी को 8 प्रतिशत ही किया गया है। उन्होंने कहा कि जब आम नागरिक 8 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देते हैं तो बड़ी कंपनी को स्टांप ड्यूटी क्यों नहीं देनी चाहिए।बागवानी के मुद्दे को लेकर विपक्ष के प्रदर्शन पर जगत सिंह नेगी ने कहा कि आज की तारीख में सेब किलो के हिसाब से बिक रहा है। हमने जो गारंटी दी थी उसको शुरू कर दिया है। पहली बार हिमाचल प्रदेश में सेब किलो के हिसाब से बिका है। आज बागवानों के चेहरों पर खुशी है कि सेब 200 रुपए किलो तक गया, जो पहले बहुत कम दामों पर जाता था। विपक्ष मुद्दाहीन है। नेगी ने कहा कि प्रधानमंत्री जब चुनावों में हिमाचल प्रदेश आए थे तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि विदेश से आने वाले सेब के ऊपर इंपोर्ट ड्यूटी अधिक लगाई जाएगी, लेकिन इसको कम कर दिया गया है।

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