{ अनुरंजनी गौत्तम – शिमला } राज्यपाल ने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पुस्तकें हमारे ज्ञान को विस्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनके अध्ययन से हम अपने जीवन को निरंतर परिष्कृत करते रहते हैं।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक पाठक वर्ग को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रति अपने दृष्टिकोण को और अधिक स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होगी और देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद करने वाले शहीदों के प्रति नई पीढ़ी की श्रद्धा व विश्वास को सुदृढ़ करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि इस पुस्तक के माध्यम से पाठक समाज एवं मानवता की सेवा के प्रति अधिक समर्पित भाव से प्रेरित होंगे। जगदीश शर्मा ने पुस्तक के विमोचन के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अपनी लेखनी द्वारा इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने शहीदों के जीवन पर गहन अध्ययन किया है और तथ्यात्मक साक्ष्यों को एकत्रित कर पुस्तक में प्रस्तुत किया है।इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, निदेशक सर्वशिक्षा अभियान राजेश शर्मा, सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक अधिकारी डॉ. के. आर. भारती, सेवानिवृत्त उप-निदेशक एम.बी.शर्मा, सेवानिवृत्त सचिव डॉ. मस्तराम शर्मा, सहायक सचिव भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ. श्यामा वर्मा तथा अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।