धर्मशाला स्मार्ट सिटी प्रशासन शहर को एलईडी स्ट्रीट लाइट जगमग करने का दावा पिछले 4 साल से करता आ रहा है। लेकिन यह सपना आज भी अधूरा ही है। अब एक बार फिर विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले धर्मशाला शहर की 90 फीसदी एलईडी लाइट्स से सड़कों को जगमग करने का दावा किया जा रहा है। यह दावा स्मार्ट सिटी लिमिटेड में कार्य कर रही एचपीएल इलेक्ट्रिकल एंड पावर लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रशांत गौड़ ने किया है। इसके पीछे का बड़ा कारण हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के पास विद्युत मीटर ना होना रहा है। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि स्ट्रेट लाइट पोल्स और लाइट्स लगा दी हैं। लेकिन मीटर न मिलने के कारण कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। अभी तक धर्मशाला शहर में 7000 एलईडी स्ट्रीट लाइट के बदले केवल 2400 लाइट्स ही ऑन हो रही हैं। स्मार्ट सिटी का दर्जा मिले 8 साल गुजर चुके देश की पहली स्मार्ट सिटी धर्मशाला जिसको स्मार्ट सिटी का दर्जा मिले लगभग 8 साल गुजर चुके है। पिछले 4 सालों में निगम की बैठकों में कई बार शहर की सड़कों पर उजाला करने का मुद्दा उठा। 14 जुलाई 2023 को जनरल हाउस की बैठक में संबंधित कंपनी को एक महीने का समय दिया गया था। अगर एक महीने में संबंधित कंपनी कार्य पूरा नहीं करती है, तो कंपनी का टेंडर टर्मिनेट करने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही पेनलटी लगाने का प्रबंधन किया गया था। बावजूद इसके देश की पहली स्मार्ट सिटी धर्मशाला में स्ट्रीट लाइट लगाने में कमजोर साबित हुई है। 24.92 करोड़ रुपए की लागत से 7000 एलईडी स्ट्रीट लाइट 4 साल पहले स्मार्ट सिटी एडवाइजरी फोरम की बैठक में शहर को सुन्दर बनाने के लिए 24.92 करोड़ रुपए की लागत से 7000 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए निविदाएं आमन्त्रित कर टेंडर एचपीएल इलेक्ट्रिकल एंड पावर लिमिटेड कंपनी को आवंटित किया गया था। स्मार्ट सिटी इलेक्ट्रिक एसडीओ अमन ने बताया कि एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य प्रगति पर है। टेक्निकल प्रॉब्लम्स और प्राकृतिक आपदा के कारण योजना में बिलंब हुआ है। क्या है योजना? स्मार्ट सिटी के सभी 17 वार्डों में एक साथ स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइट्स जगमग करनी थी। इसमें करीब 6978 नई स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएंगी और करीब 2280 पुरानी स्ट्रीट लाइट्स को भी रिप्लेस कर निगम क्षेत्र की हर गली को अंधेरा मुक्त कर दिया जा रहा है। इस तरह स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करीब 189 किलोमीटर एरिया में स्ट्रीट लाइट केवल डाली जानी थी। इनमें से 48 सीसी एमएस लाइट भी होंगी, जो आधुनिक तकनीकी से चलेंगी। यानी जहां लाइट्स लगी होगी, उस एरिया में मूवमेंट होने पर लाइट फुल जलेगी और मूवमेंट न होने पर लाइट डिम हो जाएगी। जिससे लाइट का बेवजह खर्च बचेगा। 23 फीसदी केबल किए जाएंगे अंडरग्राउंड स्मार्ट सिटी की योजना में 23 फीसदी केबल को भी अंडर ग्राउंड किया जाएगा। जिससे शहरी क्षेत्र को तारों के जंजाल से मुक्त किया जा सके। करीब 70 फीसदी केबल ओवर हेड होनी थी। स्ट्रीट लाइट के इस स्मार्ट प्रोजेक्ट को सेंट्रल ई-कंट्रोल किया जाएगा। शहर में लगने वाली इन स्मार्ट लाइट में से 93 फीसदी लाइट्स तीन फेस बिजली होगी और 7 फीसदी लाइट एंड सिंगल फेस बिजली से चलेंगी। सभी लाइट्स सीसीएमएस और जीपीएस नेटवर्क से जलेंगी, जिससे इनमें कंट्रोल आसानी से व एक स्थान से किया जा सकेगा। एचपीएल इलेक्ट्रिकल एंड पावर लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रशांत गौड़ ने कहा कि उनका प्रयास है कि 90 फीसदी लाइट्स को विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले शुरू कर दिया जायेगा। लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने के कारण कार्य में बिलंब हुआ है। कुछ विभागीय प्रॉब्लम्स भी रहीं लेकिन अब सबा ठीक है।