{न्यूज़ प्लस ब्यूरो – कांगड़ा }सुखाश्रय ने निराश्रित बच्चों के सपनों को साकार करने में स्वाभिमान के पंख लगा दिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निराश्रितों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया है। अब सरकार अभिभावक के रूप में निराश्रितों की उचित देखभाल सुनिश्चित कर रही है। सरकार की इस पहल में निराश्रित बच्चों को अपना भविष्य भी सुनहरा दिखाई दे रहा है। कांगड़ा जिला की बात करें तो विभिन्न बालश्रमों तथा चाइल्ड केयर संस्थानों तथा अन्य जगहों पर जीवन यापन कर रहे 1224 निराश्रित बच्चे लाभांवित होंगे। सुखाश्रय योजना के आरंभ होने पर निराश्रित बच्चों के चेहरों पर रौनक देखते ही बनती है।कांगड़ा जिला में सुखाश्रय योजना के तहत बालिका आश्रम गरली, तितली चिल्ड्रन होम, रामानंद गोपाल रोटरी हॉस्टल सलयाणा, होम फॉर लोकोमोटर डिसेबल्ड चिल्ड्रन, ओपन शेल्टर होम शामिल हैं। इन संस्थानों में बच्चों की उचित देखभाल के लिए सुखाश्रय कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा मदद मुहैया करवाई जा रही है। इन देखभाल संस्थानों में 81 निराश्रित बच्चे जीवन-यापन कर रहे हैं इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिला में सुखाश्रय योजना के तहत 1143 निराश्रित बच्चों की सरकार अभिभावक के तौर पर अपना फर्ज अदा करेगी।