कुंदरकी उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश कैडर की 2017 बैच की IPS अधिकारी इल्मा अफरोज की भी एंट्री हो गई है। कुंदरकी की रहने वाली इल्मा अफरोज को कांग्रेस विधायक से पंगे के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। इल्मा इस वक्त कुंदरकी में अपने पैतृक आवास पर आई हैं। जहां उनसे मिलने वालों का तांता लगा है। इस बीच कुंदरकी सीट से भाजपा के प्रत्याशी रामवीर सिंह ने इल्मा अफरोज के मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है। रामवीर सिंह ने कहा- कांग्रेस अपने स्वार्थ में एक मुस्लिम महिला अधिकारी का उत्पीड़न कर रही है। वह ऐसा करके मुस्लिम समाज की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। दरअसल, मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर जीत के लिए रामवीर पूरी तरह से मुस्लिम वोटर्स पर निर्भर हैं। ऐसे में उन्होंने इल्मा अफरोज का खुला समर्थन करके खुले तौर पर मुस्लिम कार्ड चल दिया है। इसके पहले मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए रामवीर जालीदार टोपी और अरबी रुमाल भी पहन चुके हैं। इसके बाद मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन भी इल्मा अफरोज के समर्थन में उतर आए हैं। सोशल मीडिया पर भी इल्मा अफरोज के समर्थन में कैंपेन चल रहा है। सबसे पहले पढ़िए भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने इल्मा को लेकर क्या कहा-
रामवीर ने सोशल मीडिया पर लिखा- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा कुंदरकी निवासी इल्मा अफरोज को कांग्रेस विधायक की पत्नी के वाहनों का चालान काटने पर लंबी छुट्टी पर भेजना चिंताजनक है। यह घटना दिखाती है कि सपा और कांग्रेस अपने स्वार्थ के लिए मुस्लिम समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। कुंदरकी के लोग देख रहे हैं कि कांग्रेस और सपा गठबंधन केवल दिखावे के लिए मुस्लिम समाज का समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन वास्तव में एक मुस्लिम अधिकारी की जायज कार्रवाई तक को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि क्या वे सच में मुस्लिम समाज के हितैषी हैं या सिर्फ वोट बैंक के लिए राजनीति कर रहे हैं? भाजपा का समर्थन करने वाले लोग जानते हैं कि भाजपा ऐसी पार्टी है जो सभी समुदायों का सम्मान करती है और कानून के प्रति निष्पक्षता बनाए रखती है। कौन हैं इल्मा अफरोज
इल्मा अफरोज मुरादाबाद के कुंदरकी कस्बे की रहने वाली हैं। वह एक साधारण किसान परिवार से आती हैं। उनके बचपन में ही पिता की मौत हो गई थी। मां ने इल्मा को पढ़ाया। इल्मा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएट और लंदन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 2017 में उनका चयन IPS के लिए हुआ। ट्रेनिंग के बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर दिया गया। हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP रहते हुए सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक की पत्नी के वाहनों के चालान काटने और डंपर सील करने की वजह से उनका कांग्रेस विधायक से टकराव हुआ। इसके बाद हिमाचल सरकार ने इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। CM के साथ मीटिंग को पहुंची थी शिमला
इल्मा अफरोज बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं। इल्मा अफरोज हिमाचल में अपने सरकारी आवास को खाली करके मां के साथ अपने पैतृक गांव कुंदरकी आ गई हैं। अब पढ़िए एसटी हसन ने क्या कहा इल्मा की छुट्टी शर्म की बात, राहुल गांधी दखल दें
मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा- इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी पर भेजना कांग्रेस सरकार के लिए शर्म की बात है। एक महिला अधिकारी जो अपनी ड्यूटी को सही ढंग से निभा रही थी। उसके खिलाफ कार्रवाई करके कांग्रेस सरकार ने गलत नजीर पेश की है। इस मामले में राहुल गांधी काे दखल देना चाहिए। ऐसे विधायक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। —————- इससे जुड़ी एक खबर और पढ़िए- हिमाचल में MLA से टकराई लेडी SP पर झूठ फैलाया: थोक में मुस्लिमों को गन लाइसेंस देने के आरोप लगे हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप निराधार पाए गए हैं। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। SP इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। पढ़ें पूरी खबर…