{अनुरंजनी गौत्तम – शिमला } आर्थिक बदहाली से जूझ रही प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार को बने अभी करीब 5 माह का समय हुआ है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। हिमाचल प्रदेश चालक-परिचालक यूनियन ने 7 मई से हिमाचल प्रदेश में अपनी मांगों को पूरा न होने की स्थिति में रात्रि बस सेवा ठप करने की चेतावनी दी है। यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि चालकों-परिचालकों को पिछले 41 महीनों से ओवर-टाइम, नाइट भत्ता नहीं मिला है। जोकि 65 करोड़ के लगभग लंबित हो गया है। इसी तरह DA और संशोधित वेतनमान का एरियर भी लंबे वक्त से कर्मचारियों को नहीं मिला है, जिससे अरबों की देनदारियां लंबित हो गई है। ऐसे में 6 मई तक यदि निगम प्रबंधन ने यूनियन को वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो 7 मई से रात्रि बस सेवाएं बंद कर दी जाएगी। केवल एडवांस लेकर ही चालक एवं परिचालक रूट पर चलेंगे, अन्यथा बस सेवाएं बंद कर दी जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। निगम घाटे का रोना बंद करें क्योंकि घाटा कर्मचारियों की वजह से है। अगर कर्मचारियों की वजह से घाटा है तो निगम चालक व परिचालक के हिसाब से रूट पर बसें चलाएं। एक साल के भीतर निगम को मुनाफे में लाया जाएगा।

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