{अनुरंजनी गौत्तम – शिमला } हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने दूरदराज क्षेत्रों में अस्थाई टीचरों की भर्ती को लेकर यू-टर्न लिया है। इस बारे में सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जारी एक बयान में कहा कि सरकार किसी भी तरह के अस्थाई शिक्षकों की भर्ती नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। लिहाजा किसी भी तरह की बैकडोर भर्ती से नियुक्तियां नहीं होगी। प्रदेश में जहां शिक्षकों के पद खाली है, उन स्कूलों को चिन्हित कर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम भर्ती की जाएगी।मुख्यमंत्री ने अखबारों के माध्यम से प्रकाशित खबरों का भी खंडन किया है। सीएम सुक्खू ने बताया कि कमेटी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि जहां-जहां शिक्षकों के पद खाली है। उन पदों के बारे में जानकारी एकत्रित की जाए। आपको बता दें कि हिमाचल के दुर्गम इलाकों में 3104 शिक्षकों की भर्ती को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसमें यह कहा गया था कि इन शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर होगी। इसके लिए किसी भी लिखित परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। अस्थाई शिक्षकों की भर्ती के लिए टैट पास होना जरूरी रखा गया था। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया था। वहीं ये प्रस्ताव वीरवार को कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाना था। लेकिन इससे पहले ही वीरवार को पूरे हिमाचल में युवाओं ने आक्रोश रैली निकालकर अस्थाई रूप से हो रही शिक्षकों की भर्तियों का विरोध किया। इसके मध्यनजर सुक्खू सरकार ने इस फैसले के खिलाफ यू-टर्न ले लिया।

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