कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल कांग्रेस की सभी कार्यकारिणी भंग कर दी है। कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी समेत सभी जिला व ब्लॉक कार्यकारिणी को भी भंग किया गया है। बुधवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के कार्यालय से इस बाबत लेटर जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में प्रदेश की सभी कार्यकारिणी सहित सभी जिला व ब्लॉक इकाइयों को भी तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। यहां देखिए लेटर की कॉपी… प्रतिभा सिंह ने भंग करने ले लिए लिखा था पत्र
बता दें कि हाल ही में हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी हाईकमान को पत्र लिखकर पुरानी कार्यकारिणी को भंग करने की मांग की थी। उन्होंने आलाकमान से मांग की थी कि नए सिरे से कार्यकारिणी के गठन की मंजूरी दी जाए। प्रतिभा सिंह ने संगठन में निष्क्रिय पदाधिकारियों की जगह नई नियुक्तियां करने का हाईकमान से अधिकार मांगा था। दरअसल, प्रतिभा सिंह को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष बने ढाई साल से ज्यादा का कार्यकाल हो गया है, लेकिन कार्यकारिणी में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला था। इसके बाद प्रतिभा सिंह ने पत्र लिखकर निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को बाहर करने के लिए हाईकमान को पत्र लिखा था। इसके बाद माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु और PCC अध्यक्ष से सलाह लेने के बाद कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह फैसला ले लिया है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने भी की संगठन में बदलाव की सिफारिशें
वहीं, कांग्रेस के पुख्ता सूत्र बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के कारण जानने आई पूर्व सांसद पीएल पूनिया और सांसद रजनी पाटिल की अगुआई वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने भी प्रदेश में कांग्रेस में गुटबाजी देखी। इसके बाद कमेटी ने प्रदेश के संगठन में बदलाव की सिफारिश की थी। इसके बाद यह माना जा रहा है कि उनकी सिफारिशों को ध्यान में रखकर भी यह फैसला हुआ है। प्रतिभा की नियुक्ति के बाद बना दी थी जंबो कार्यकारिणी
प्रतिभा सिंह की ताजपोशी के दौरान कांग्रेस हाईकमान ने 44 पदाधिकारी PCC में शामिल किए। 25 मई 2022 को कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने के लिए 64 नए पदाधिकारियों को संगठन में तैनाती दी। इनमें 3 वरिष्ठ उपाध्यक्ष, 6 उपाध्यक्ष, 13 महासचिव, 41 सचिव, 2 वरिष्ठ प्रवक्ता और एक प्रवक्ता की नियुक्ति कर कार्यकारिणी बनाई गई। कार्यकारिणी सदस्य को मिलाकर PCC में 250 से ज्यादा नेता हो गए, लेकिन ज्यादातर नेता विधानसभा और लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय नजर आए। इसे देखते हुए PCC ने संगठन की मजबूती के लिए सक्रिय नेताओं को पार्टी में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए हाईकमान की मंजूरी जरूरी है। हैरानी की बात यह है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में 41 पदाधिकारी हैं, और हिमाचल में 250 से ज्यादा हो गए है।

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