हिमाचल प्रदेश में 4 साल बाद अक्टूबर में कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 2020 में सामान्य से 98 फीसदी कम बारिश हुई थी। इस बार सामान्य से 97 फीसदी कम बारिश हुई है। इससे पहले 2017 में भी अक्टूबर सूखा रहा था और तब सामान्य से 99 फीसदी कम बारिश हुई थी। कमोबेश यही स्थिति इस बार भी बन रही है। राज्य में लंबे समय तक सूखा रहने के कारण इस बार सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। 1 से 31 अक्टूबर तक राज्य में सामान्य बारिश 25.1 मिमी होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 0.7 मिमी बारिश हुई है। 6 जिलों में पानी की बूंद तक नहीं गिरी 6 जिले चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी। ऊना में सबसे ज्यादा 8.6 मिलीमीटर बारिश जरूर हुई है, लेकिन यह भी सामान्य की तुलना में 54 प्रतिशत कम है। कांगड़ा में पूरे महीने में मात्र 1.5 मिलीमीटर, लाहौल स्पीति में 0.1 मिलीमीटर और मंडी में 3.4 मिलीमीटर बारिश हुई। मानसून में भी नॉर्मल से कम बारिश प्रदेश में इस बार मानसून सीजन में नॉर्मल से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। पोस्ट मानसून सीजन में भी पहाड़ों पर बादल नहीं बरस रहे है। अगले एक सप्ताह तक भी बारिश के आसार नहीं है। राज्य की खेतीबाड़ी और बागवानी के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है। इससे जल स्रोतों में पानी का लेवल भी कम होना शुरू हो गया है। सूखे की वजह से किसान गेंहू की बुआई नहीं कर पा रहा। अगले 6 दिन साफ रहेगा मौसम मौसम विभाग की माने तो 7 नवंबर तक मौसम साफ बना रहेगा। बारिश-बर्फबारी नहीं होने से तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। इससे नवंबर महीना शुरू होने पर भी सर्दी का एहसास नहीं हो पा रहा। आलम यह है कि कई जगह तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री अधिक चल रहा है। दिन में छूट रहे पसीने न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से ज्यादा है। इससे दिन के साथ साथ रातें भी गर्म है। दिन में तो लोगों के पसीने छूट रहे हैं। खासकर मैदानी इलाकों में दिन के वक्त तापमान काफी ज्यादा बना हुआ है।