{अनुरंजनी गौत्तम -शिमला } मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी भवनों के निर्माण से पहले उनका कंस्ट्रकशन होगा। सरकारी भवनों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उनकी लागत मूल्य बढ़ जाती है। निर्माण से पहले तो सरकारी भवनों की डीपीआर कम होती है, लेकिन बाद में इसकी लागत में भारी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में भविष्य में जो भी सरकारी भवन बनेगा, उसका पहले ऑडिट कंस्ट्रकशन करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने वीरवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंडी के विधायक अनिल शर्मा के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अनुपूरक सवाल में कहा कि पैसे की कमी की वजह से मंडी डिग्री काॅलेज के भवन का निर्माण कार्य रूका पड़ा है। शिक्षा विभाग इस कालेज भवन के निर्माण कार्य के लिए लोकनिर्माण विभाग को पैसा उपलब्ध नहीं करवा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस कॉलेज भवन का निर्माण कार्य इसी साल में पूरा करने का आग्रह किया। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार मंडी कॉलेज भवन का निर्माण निश्चित रूप से पूरा करवाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है। पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम महीनों में अनेक संस्थान खोल दिए। इनमें 23 कॉलेज भी शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने पांच साल के कार्यकाल में भी अपने गृह जिला मंडी के डिग्री कॉलेज भवन का निर्माण कार्य नहीं करवा सके। सुक्खू ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद अब व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है और उनकी सरकार मंडी कॉलेज भवन के लिए धनराशि की व्यवस्था करेगी। इससे पहले मंडी के विधायक अनिल शर्मा के मूल सवाल के जवाब में लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंडी डिग्री काॅलेज के प्रशासनिक व अकादमिक ब्ब्लॉक की आधरशिला 05 मार्च 2019 को रखी गई थी। इस भवन के लिए 28 अक्टूबर 2020 को 27.09 करोड़ की प्रशासनिक मंजूरी मिली थी। उन्होंने कहा कि इस भवन के निर्माण के लिए 23.89 करोड़ का टैंडर 12 फरवरी 2021 को जारी हुआ था। जबकि 14 अक्टूबर 2022 को प्रशासनिक मंजूरी संशोधित कर 41.53 करोड़ रूपये हो गई। उन्होंने कहा कि इस कालेज भवन के निर्माण कार्य में प्रस्तावित राशि में 14 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है।

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