हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन शॉपिंग ने व्यापारियों के कारोबार को चौपट कर दिया है। फेस्टिवल सीजन में भी प्रदेश में व्यापारियों का अच्छा काम नहीं हो पाया। इससे व्यापारी वर्ग परेशान है। इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान बेचने वाले कारोबारी सबसे ज्यादा परेशान है। ऑनलाइन शॉपिंग की मार रैडिमेट कपड़े, जूते और घरेलू उपयोग का सामान्य रखने वाले व्यापारियों पर भी पड़ी है। प्रदेश में कोरोना काल के बाद ऑनलाइन कारोबार का प्रचलन काफी ज्यादा बढ़ा है। हिमाचल व्यापार मंडल के अध्यक्ष सोमेश शर्मा ने बताया कि राज्य में ऑनलाइन कारोबार से व्यापारियों का काम 50 प्रतिशत तक कम हुआ है। घरेलू उपयोग की छोटी-छोटी चीजें भी लोग ऑनलाइन मंगाने लगे है। इससे राज्य के लगभग 5 लाख व्यापारिक परिवार परेशान है। सोमेश शर्मा ने बताया कि साल 2019 तक करवाचौथ से दिवाली के बीच में बहुत ज्यादा कारोबार होता था, लेकिन कोरोना के बाद से यह आधा रह गया है। ज्यादातर व्यापारियों ने महंगे दाम पर दुकानें किराए पर ले रखी है। ऐसे लोगों को हर महीने किराया निकालना भी मुश्किल हो गया है। इससे व्यापारी चिंता में है। दुकानदारों का बिजनेस चौपट शिमला व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष इंद्रजीत ने बताया कि ऑनलाइन कारोबार ने ऑफलाइन काम चौपट कर दिया है। लोग भी ऑनलाइन पर भरोसा जता रहे है। इससे लोगों के साथ ठगी भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में व्यापारियों ने लोगों उधार पर सामान दिया। लोगों पर भरोसा किया। अब लोगों को भी स्थानीय व्यापारियों पर भरोसा करना चाहिए। दुकानों पर रखे लोगों के रोजगार पर आया संकट इंद्रजीत ने बताया कि कुछ ऐसे बड़े व्यापारी है जिनके पास 40 से 50 लोग काम करते हैं। ऑनलाइन काम से ऐसे लोगों की नौकरी पर संकट आ गया है। उन्होंने बताया कि ऑफलाइन व्यापारी ऑनलाइन को कंपीट नहीं कर पाते, क्योंकि दुकानदारों को सभी साइज रखने पड़ते है, जबकि ऑनलाइन व्यापारी बड़े बड़े स्टोर को पकड़ते हैं, वहीं से सामान उठाते हैं।

Spread the love

By