आगरा में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने 22 अक्टूबर को 8 करोड़ की नकली दवाएं पकड़ीं। चौंकाने वाली बात यह कि ये दवाएं पुलिस चौकी से सिर्फ 1 Km दूर फैक्ट्री में तैयार की जा रही थीं। इस फैक्ट्री को खोलने वाला दवा माफिया विजय गोयल 8 महीने पहले ही जमानत पर छूटकर बाहर आया है। पिछले 4 महीने से विजय लगातार हिमाचल के चक्कर लगा रहा था। नारकोटिक्स टीम की ट्रेसिंग में फैक्ट्री की लोकेशन मिलने के बाद बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया। दैनिक भास्कर टीम ने ग्राउंड जीरो से नकली दवाओं के पूरे रैकेट को समझा। सामने आया कि इसके तार दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश तक जुड़े मिले। सिर्फ 4 महीने में विजय ने अपने नेटवर्क से 80 करोड़ रुपए की एलर्जी, पेट दर्द, डायबिटिज, कैंसर, एंटीबायोटिक और नशे की महंगी नकली दवाएं बाजार में खपा दीं। पढ़िए रिपोर्ट… लोग बोले- यहां सिर्फ रात के समय काम होता था
पहले इस फैक्ट्री की लोकेशन समझते हैं। यह फैक्ट्री सिकंदरा थाने से करीब 4 km और इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस चौकी से 1Km दूर है। आस-पास न तो घर हैं, न दुकानें। यह इलाका मोहम्मदपुर में आता है। इस फैक्ट्री तक पहुंचने के लिए 3 रास्ते हैं। ये रास्ते शास्त्रीपुरम गोल चौराहा, सिकंदरा तिराहा और इंडस्ट्रियल एरिया की तरफ से आने वाले हैं। मतलब साफ है कि यहां से लोडिंग-अनलोडिंग आसान थी। यहां पहुंचने के बाद जो लोग सड़क पर आते-जाते मिले, हमने उनसे बातचीत की। पता चला कि ये बिल्डिंग 4 साल पहले बनाई गई है। इसमें 2 फ्लोर और 1 बेसमेंट है। पहले फ्लोर पर फर्नीचर का गोदाम है, जो कभी-कभी खुलता है। बेसमेंट में दवा की फैक्ट्री चल रही थी। एक महिला ने कहा- हमें लगता था कि ये बिल्डिंग कि बिजली विभाग के अफसर की है। वो कभी-कभी यहां आते हैं। वैसे दिन में यहां कोई नहीं दिखता था। सिर्फ रात के वक्त लोग आते-जाते थे। फैक्ट्री में दिन में ताला रहता था। लोग जानते थे कि टॉफी फैक्ट्री है
इसके बाद हमने बिल्डिंग में ही काम करने वाले लोगों से बात की। ऑफ कैमरा उन लोगों ने बताया कि पश्चिमपुरी के उदयवीर से विजय गोयल ने 30 हजार रुपए महीने के रेंट पर बेसमेंट लिया था। किरायानामा रामस्वरूप कालोनी, शाहगंज के सूरज गौर के नाम से बनवाया था। भास्कर टीम को बेसमेंट के शटर पर सील लगी हुई मिली। इस बिल्डिंग में बिजली का कनेक्शन है, लेकिन 1 जनरेटर भी रखा हुआ है। लोगों को पता था कि इस फैक्ट्री में टॉफी और उसकी पैकिंग पेपर तैयार होता था। 16 मशीनें हिमाचल प्रदेश से लाए
दवा माफिया विजय गोयल ने दवा फैक्ट्री में पूरा सेटअप तैयार किया था। जिन मशीनों के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है, उन्हें दोगुनी कीमत पर हिमाचल प्रदेश से खरीदकर लाया गया। 3 करोड़ रुपए की लागत से 16 मशीनें यहां लगाई गई थीं। बताया गया कि लेबर को फैक्ट्री के अंदर ही खाना दिया जाता था। यहां क्या बनता है? ये बात किसी को न बताने के लिए कहा गया था। रात के 10 बजे दवाएं बनाने का काम शुरू होता, सुबह 6 बजे काम बंद करवा दिया जाता था। फैक्ट्री में मिली मशीनें
दवा की अवैध फैक्ट्री में ये मशीने मिलीं- मल्टी मिल कंप्रेसर मशीन, शिफ्ट मास मिक्सर मशीन, ट्रे ड्रायर, ब्लिस्टर पैक मशीन, कार्टून मशीन, दो मैन्युअल कैप्सूल फिलिंग मशीन, सेमी ऑटोमेटिक कैप्सूल फिलिंग मशीन, ई फाइलिंग मशीन, कंप्रेसर मशीन, दो टैबलेट डबल पंच मशीन, कंप्रेसर, पेनकोट, फ्लूयड बैड ड्रायर मशीन। जेल से रिहा होने के बाद दवा माफिया विजय गोयल दोबारा नकली और नशे की दवाएं बना रहा था। इस बार भी सिकंदरा के इंडस्ट्रियल एरिया में नकली दवाओं की फैक्ट्री खोली थी। मंगलवार को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने यहां छापेमारी की। दवा माफिया विजय गोयल, उसके मैनेजर नरेंद्र शर्मा समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यहां से बड़े पैमाने पर एलर्जी, पेट दर्द और एंटीबाईटेक दवाएं मिली थीं। जो दवाएं और मशीनें मिलीं, उनकी कीमत करीब 8 करोड़ रुपए बताई गई। शुरुआती जांच में अनुमान है कि विजय ने करीब 80 करोड़ की नकली दवाएं 5 राज्यों में खपा दीं हैं। यह आंकड़ा अभी और बड़ा हो सकता है। 2023 में जेल गया था विजय, बाहर आते ही फैक्ट्री खोली
आइकॉन सिटी, मघटई के विजय गोयल के खिलाफ जुलाई, 2023 में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने कार्रवाई की थी। सिकंदरा और बिचपुरी क्षेत्र में नकली-नशीली दवाओं की फैक्ट्रियां पकड़ी थीं। विजय गोयल, नरेंद्र शर्मा समेत सात लोगों को जेल भेजा था। इस फरवरी, 2024 में विजय जमानत पर जेल से बाहर आया था। जबकि, नरेंद्र शर्मा पहले ही रिहा गया था। बाहर आने के 4 महीने बाद दोनों ने सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में जोनल पार्क रोड पर दोबारा फैक्ट्री खोली। यह जगह उसने 30 हजार रुपए महीने किराए पर ली थी। हिमाचल प्रदेश से मशीनें और कच्चा माल ले आया था। नकली दवाओं पर एक्सपर्ट की राय
ये नकली दवाएं हमारी बॉडी को कितना नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस पर भास्कर ने आगरा के फिजीशियन डॉक्टर सुनील बंसल से बात की। नकली दवाओं का हमारी बॉडी पर क्या असर होता है?
डॉक्टर- लंबे समय तक ऐसी दवाइयां खाने से लीवर और किडनी पर सीधे असर पड़ता है। हर व्यक्ति का अपना इम्यून सिस्टम होता है। इस सिस्टम और दवा की मात्रा के आधार पर बॉडी पर असर पड़ता है। ज्यादा इस्तेमाल करने से मेंटल डिसबैलेंस हो जाता है। मेंटल शार्पनेस खत्म हो जाती है। इंसान पूरा दिन नशे में रहता है। एंजाइटी डिप्रेशन और एडिक्शन हो जाता है। नींद नहीं आती। किसी काम में मन नहीं लगता है। दवा असली है या नकली, इसके लिए क्या करना चाहिए?
डॉक्टर- यह दवाइयां सिर्फ प्रिसक्रिप्शन से ही मिल सकती हैं। मेडिकल स्टोर वाले को एक रजिस्टर मेंटेन करना होता है, जिसमें पूरी जानकारी भरनी होती है। मरीज का नाम, किस डॉक्टर ने प्रिसक्राइब्ड की है। कितनी मात्रा में दवाइयां ली गई हैं। ये सारी डिटेल भरनी होती हैं। ——————————————— यह भी पढ़ें : लॉरेंस के भाई बोले-जेल में नहीं भेजते 40 लाख रुपए:गांव में परदादा का मंदिर, पिता के हेड कॉन्स्टेबल होने की बात गलत वकालत से पहले CJI चंद्रचूड़ ऑल इंडिया रेडियो अनाउंसर थे:रेडियो इंटरव्यू में बोले- आकाशवाणी के लिए ऑडिशन दिया, हिंदी-अंग्रेजी में शो किए चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ हिंदी और अंग्रेजी भाषा में बतौर रेडियो अनाउंसर काम कर चुके है। ऑल इंडिया रेडियो को हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे 1975 में मुंबई से दिल्ली चले गए थे। तब उन्होंने आकाशवाणी के लिए ऑडिशन दिया था। इसके बाद उन्होंने हिंदी – अंग्रेजी में कई रेडियो शो किए। वही कई वेस्टर्न म्यूजिक शो भी किए थे। उन्होंने रेडियो से अपना निजी जुड़ाव बताया। पढ़िए पूरी खबर…
