हिमाचल प्रदेश की पहली स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत धर्मशाला अपने पहले सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के साथ स्थिरता की ओर एक बड़ा कदम उठाने के लिए तैयार है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी द्वारा अक्षय ऊर्जा को अपनाने से न केवल शहर में कार्बन उत्सर्जन कम होगा, बल्कि वित्तीय बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के साथ, धर्मशाला हिमाचल प्रदेश और देश भर के अन्य शहरों के लिए टिकाऊ शहरी विकास को अपनाने के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। नगर निगम के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद
धर्मशाला वार्ड नंबर 14 के अपर दाड़ी में स्थित यह प्लांट प्रतिदिन 600 किलोवाट बिजली पैदा करेगा, जिससे सालाना कुल नौ लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। 4.2 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस परियोजना से शहर की पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता में काफी कमी आने और नगर निगम के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एजीएम इंजीनियर विशाल ने बताया कि नवंबर माह में इसे शुरू कर दिया जाएगा। फाइनल टेस्टिंग और इंस्पेक्शन चल रही है। 28-30 लाख की होगी आमदनी
इस सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को बेची जाएगी, जिससे नगर निगम को सालाना 28 से 30 लाख रुपए का इनकम होगा। यह आय शहर के बिजली खर्चों की भरपाई करने में भी मदद करेगी, जिसमें स्ट्रीट लाइटिंग पर सालाना खर्च होने वाले 20 लाख रुपए शामिल हैं। इस प्लांट का संचालन नवंबर तक शुरू हो जाएगा। स्मार्ट सिटी पहल के तहत धर्मशाला में एक दर्जन से ज्यादा नगर निगम क्षेत्र के कार्यालय भवनों की छतों पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं। इससे इन कार्यालयों पर बिजली का बोझ पहले से कम हो गया है और एक स्वच्छ, ज्यादा टिकाऊ ऊर्जा समाधान मिल रहा है। इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट
सोलर पैनल से 9 लाख यूनिट बिजली जनरेट की जा सकेगी। कॉर्पोरेशन सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये बेहतर कदम साबित होगा। जिससे नगर निगम धर्मशाला को अच्छी आमदनी होगी और साथ में हर महीने बिजली बिल का खर्च भी बचेगा। सोलर प्लांट से पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा, ना ही कोई जहरीली गैस निकलेगी। इसके अलावा अत्याधुनिक सोलर प्लांट पूरी तरह बैटरी रहित रहेंगे। धर्मशाला का हरित शहर बनने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर
स्मार्ट सिटी पहल के तहत धर्मशाला में एक दर्जन से ज़्यादा नगर निगम कार्यालय भवनों की छतों पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं। इससे इन कार्यालयों पर बिजली का बोझ पहले से ही कम हो गया है, और एक स्वच्छ, ज़्यादा टिकाऊ ऊर्जा समाधान मिल रहा है। सौर ऊर्जा की ओर रुख करना धर्मशाला के हरित शहर बनने के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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