हिमाचल प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी तरुण श्रीधर की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) की वित्तीय स्थिति की जांच व समीक्षा करने के लिए एक सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी एचपीटीडीसी की वर्तमान वित्तीय स्थिति की जांच/समीक्षा करेगी और छह महीने के भीतर अपने सुझाव सरकार को देगी। समिति वित्तीय स्थिति की जांच व समीक्षा के साथ सीडब्ल्यूपी संख्या 9681/2023-जय कृष्ण मेहता बनाम राज्य एवं अन्य में उठाए गए मुद्दों के आलोक में निगम को लाभ में लाने के लिए कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करने के लिए आवश्यक सुधारात्मक उपाय सुझाएगी। समिति हिमाचल सरकार के प्रधान सचिव (पर्यटन) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। 6 महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी समिति
सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक समिति के सचिव के रूप में कार्य करेंगे। एचपीटीडीसी आवश्यकतानुसार समिति को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगा। जिसमें कार्य स्थल, आवास एवं भोजन तथा कार्यात्मक परिवहन आदि शामिल होंगे। समिति के कार्य के लिए होने वाला यात्रा व्यय हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की ओर से वहन किया जाएगा। यह समिति अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को शीघ्रता से छह माह की अवधि के भीतर प्रस्तुत करेगी। वित्तीय पारिश्रमिक नही लेंगे समिति अध्यक्ष
प्रधान सचिव पर्यटन कार्यालय से जारी अधिसूचना के अनुसार सरकार के अनुसार तरुण श्रीधर ने समिति का नेतृत्व करने पर सहमति व्यक्त की है और प्रस्तावित बैठक में शुल्क सहित किसी भी प्रकार का वित्तीय पारिश्रमिक स्वीकार करने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है। हिमाचल सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे श्रीधर
बता दें तरुण श्रीधर ने अपने सेवाकाल में हिमाचल प्रदेश की अलग अलग सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और वह विभिन्न जिलों के उपायुक्त (डीसी) भी रहे हैं। इसके अलावा वह विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर भी कार्यरत रहे। HPTDC के 55 होटलों में से 35 घाटे में
बता दें कि विश्व भर में पर्यटन राज्य के रूप में अपनी पहचान रखने वाले हिमाचल प्रदेश की पर्यटन निगम की वित्तीय हालत खराब है। एक अनुमान के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में भी पर्यटन कारोबार का लगभग नौ फीसदी हिस्सा है। जानकारी के अनुसार HPTDC प्रदेश में 55 होटल का संचालन कर रहा है, जिसमें से 35 होटल घाटे में चल रहे हैं। पर्यटन विकास निगम के सिर्फ 20 होटल ही फायदे का सौदा है और अगर घाटे की बात करें तो घाटे में चल रहे निगम के होटल की संख्या 63 फीसदी से अधिक है।

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