{न्यूज़ प्लस ब्यूरो -ऊना } ऊना जिला के गांव सनोली के देवेंद्र सिंह की मौत मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार कस्बा मैहतपुर में चंडीगढ़ धर्मशाला नेशनल हाईवे पर चल रहा चक्का जाम उस वक्त तनावपूर्ण माहौल में बदल गया जब प्रदर्शनकारियों और जिला प्रशासन के बीच चल रही वार्ता पूरी तरह से विफल हो गई। जिला प्रशासन की तरफ से डीसी राघव शर्मा और एसपी अर्जित सेन ठाकुर मृतक देवेंद्र सिंह के परिजनों और प्रदर्शनकारियों से वार्ता के लिए पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे तक चली वार्ता विफल रहने के बाद जब अधिकारी बाहर निकले तो गुस्साई भीड़ उन पर झपट पड़ी। ऐन मौके पर पुलिस कर्मचारियों और पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम ने मोर्चा संभाल कर अधिकारियों को घेरे में ले लिया। लेकिन वार्ता स्थल से लेकर गाड़ी तक पहुंचने में अधिकारियों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। वहीं गाड़ी में बैठने के बावजूद गुस्साई भीड़ आगे और पीछे बैठकर पूरी तरह से सड़क को जाम करने में जुट गई। जिसे पुलिस कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से हटाया। सड़क पर करीब 20 मिनट तक चले गतिरोध के बाद डीसी राघव शर्मा को जिला मुख्यालय की तरफ रवाना किया गया। पुलिस अधीक्षक अर्जित सिंह ठाकुर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि वार्ता के दौरान जिला प्रशासन द्वारा मृतक के बच्चे की पढ़ाई का पूरा खर्चा और मृतक की धर्मपत्नी को फौरी आधार पर निजी स्कूल में रोजगार दिलाने का आश्वासन दिया गया था। जबकि इसके अतिरिक्त मृतक देवेंद्र सिंह के दुबई स्थित कंपनी में उनकी इंश्योरेंस का क्लेम भी परिवार को दिलाने के लिए प्रशासन ने प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन मृतक के परिवार के लोगों द्वारा प्रशासन की तरफ से की जा रही इस पेशकश को पूरी तरह नामंजूर किया गया है।