बेशक, महात्मा गांधी आजादी के बाद शिमला नहीं आ पाए, लेकिन आजादी से पहले पहाड़ों की रानी शिमला बापू की कर्म स्थली रही। शिमला से राष्ट्रपिता की अनेक स्मृतियां जुड़ी हैं। महात्मा गांधी 10 बार शिमला और एक बार सोलन की डगशाई जेल पहुंचे। इन यात्राओं के दौरान महात्मा गांधी ने पूरी 57 रातें शिमला और 1 रात डगशाई में बिताईं। गुजरात के पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी ब्रिटिश हुकूमत से मुलाकात करने बार-बार शिमला आए। शिमला में ही गांधी की हत्या का ट्रायल चला और शिमला के पीटरहॉफ भवन में ही नाथू राम गोडसे को फांसी की सजा सुनाई गई। बापू की जयंती पर उनकी शिमला यात्राओं, हत्या के ट्रायल और डगशाई जेल में काटी रातों का विवरण… शिमला से पहले डगशाई जेल आए बापू
शिमला से पहले महात्मा गांधी सोलन की डगशाई जेल आए, क्योंकि प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने बड़ी संख्या में आयरिश सैनिकों को बंदी बनाया था। इनमें से कई को डगशाई जेल में बंद कर कठोर यातनाएं दी गईं। आयरिश सैनिकों ने जेल की प्रताड़ना सहते हुए यहां अनशन भी किया। यह बात जब जेल से बाहर निकली तो 1 अगस्त 1920 को महात्मा गांधी उन्हीं सैनिकों से मिलने डगशाई पहुंचे। इस दौरान वह 1 दिन तक इसी जेल में रुके। इसी जेल का आखिरी कैदी महात्मा गांधी का हत्यारा नाथू राम गोडसे था। शिमला में गोडसे को सुनाई फांसी की सजा
महात्मा गांधी की हत्या का ट्रायल शिमला के पीटरहॉफ के पुराने भवन में चला था। वहां अब हिमाचल सरकार का राज्य अतिथि गृह है। यहीं नाथू राम गोडसे को बतौर आरोपी पेश किया गया। 21 जून 1949 को गोडसे को फांसी की सजा सुनाई गई। इसके बाद अंबाला जेल में गोडसे को फांसी दी गई। तब पंजाब हाईकोर्ट भी इसी भवन में था। हालांकि, पुराना भवन अब जलकर राख हो गया है। इसी के साथ नाथू राम गोडसे से जुड़ा इतिहास भी खत्म हो गया। यहीं से पुराना पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चलता था। इन दो यात्राओं का नहीं था जिक्र
शिमला के ऐतिहासिक रिज पर महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी है। इसके पीछे वाले हिस्से में बापू की शिमला यात्राओं का विवरण था, लेकिन इस पर बापू की वर्ष 1939 की 2 यात्राओं का ब्योरा नहीं था। महात्मा गांधी पर “गांधी इन शिमला” पुस्तक के लेखक विनोद भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने भाषा एवं संस्कृति विभाग से गांधी की 2 यात्राओं का भी जिक्र करने का आग्रह किया। विभाग ने उनके आग्रह पर रिज पर अब 10 यात्राओं का सही विवरण लिख दिया है। उन्होंने गांधी जयंती से पहले 2 यात्राओं का जिक्र करने के लिए विभाग का आभार जताया।

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