किन्नौर जिले के निगुलसरी में ऊपरी पहाड़ी के दरकने से एनएच-5 चार दिन से बंद है। इससे हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण सफर जानलेवा बना हुआ है। ऐसे में जिला किन्नौर, काजा-स्पीति और शिमला, रामपुर, ज्यूरी आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि 26 अगस्त शाम को नेशनल हाईवे पांच पर एक बार फिर से पहाड़ी दरकने का सिलसिला शुरू हुआ। बड़े बड़े पत्थरों के आने और भारी भूस्खलन होने के कारण 4 दिन से वाहनों के पहिये जाम हो गए। देर शाम तक बार बार भूस्खलन का सिलसिला जारी रहा, जिसके कारण एनएच को बहाल करना चुनौती बना रहा। पहाड़ी से गिर रहे छोटे छोटे पत्थर शुक्रवार को प्राधिकरण सुबह करीब पांच बजे से बाधित एनएच को बहाल करने में जुटा, लेकिन पहाड़ी से छोटे छोटे पत्थर गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है। ऐसे में विभाग को सड़क खोलने में परेशानी हो रही है। एनएच एक्सईएन केएल सुमन ने कहा कि बार बार हो रहे भूस्खलन के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आज पहाड़ी से पत्थर गिरना रुक गया तो बाधित एनएच-5 को आज बहाल दिया जाएगा। लोगों ने प्रशासन और विभाग के खिलाफ की नारेबाजी नेशनल हाईवे प्राधिकरण ने बंद मार्ग को लगभग खोल दिया है, लेकिन 10 मीटर मार्ग पर लगातार भूस्खलन होने से आवाजाही खतरे भरी है। वीरवार को निगुलसरी में मार्ग बहाल न होने के पर लोगों ने भी रोष जताया। इस दौरान लोगों ने प्रशासन और विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने हस्तक्षेप कर लोगों के विरोध को शांत करवाया। लोगों का कहना है कि बार-बार एनएच के बाधित होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो रहा है।

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