नगर निगम सोलन की मेयर ऊषा शर्मा ही बनी रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें ऊषा शर्मा व पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर की पार्षद की सदस्यता को रद्द कर दिया गया था। सरकार ने दलबदल कानून के तहत उनके खिलाफ यह कार्रवाई करते हुए 10 जून को यह आदेश जारी किया था। सरकार ने एमसी एक्ट में किया था संशोधन सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सरकार और कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका है। सोलन नगर निगम में 22 अगस्त को मेयर का चुनाव होना था, उससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आ गया है। अभी तक कांग्रेस में मेयर को लेकर सहमति नहीं बन रही थी, इसे देखते हुए सरकार ने पिछले दिनों ‘एमसी एक्ट’ चुनाव के नियम में संशोधन किया था। इसके मुताबिक राज्यसभा की तरह पार्षदों को भी अपना वोट दिखाना होगा। हार के बाद कांग्रेस ने की थी सरकार से शिकायत 7 दिसंबर, 2023 को नगर निगम सोलन के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में कांग्रेस को बहुमत के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस से बगावत कर ऊषा शर्मा मेयर व भाजपा की मीरा आनंद डिप्टी मेयर बनी थीं। चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने दलबदल कानून के तहत मेयर ऊषा शर्मा, पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर, पूर्व डिप्टी मेयर राजीव कौड़ा व पार्षद अभी शर्मा के खिलाफ शिकायत की थी। सरकार ने इस शिकायत के आधार पर मेयर ऊषा शर्मा व पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर की पार्षद की सदस्यता को रद्द कर दिया था जबकि राजीव कौड़ा व अभय शर्मा कार्रवाई से बच गए थे। 10 जून को सरकार ने उनकी सदस्यता को समाप्त करने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद से सोलन में मेयर का पद खाली था। अब 22 अगस्त को मेयर चुनाव होना था। उससे पहले ही सरकार के आदेश पर रोक लग गई।

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