दैनिक भास्कर ने वोटर सर्वे ‘मेरा वोट, मेरी मर्जी’ के जरिये देश का मूड जानने की कोशिश की। हिमाचल की 4 लोकसभा सीटों समेत कुल 308 सीटों पर हुए सर्वे के नतीजे बताते हैं कि जनता का रुख समझना इस बार आसान नहीं है। हिमाचल में एक तरफ 57% लोगों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा ‘नरेंद्र मोदी को फिर पीएम बनाना’ है। वहीं, दूसरी तरफ 35% लोग ऐसे भी हैं जो बढ़ती बेरोजगारी से परेशान हैं। 12 राज्यों और एक एक केंद्र शासित प्रदेश में 1 अप्रैल से 6 अप्रैल तक चले इस सर्वे में करीब 8 लाख लोगों ने अपनी राय दी है। सर्वे के नतीजों पर हमारी सीरीज में आज सर्वे में पूछे गए दो सवालों ‘आप वोट देंगे या नहीं’ और ‘वोट देंगे तो आपके लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या है’, के जवाबों का पूरा एनालिसिस दिया जाएगा। सर्वे के नतीजे कहते हैं कि इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान के पिछले रिकॉर्ड टूट सकते हैं। क्योंकि इन 12 राज्यों में 95% लोगों का कहना है कि वे वोट देंगे। हिमाचल में भी 94% लोगों का कहना है कि वे वोट देंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में 67% लोगों ने वोट दिया था…भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ये सबसे बड़ा वोटर टर्नआउट था। आइए, इन बातों को जरा विस्तार से समझते हैं। सबसे पहले…अगर आप अपनी सीट पर सर्वे का रिजल्ट जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें। वोट न देने का इरादा रखने वालों में युवा और पुरुष ज्यादा सर्वे में हिमाचल के 94% लोगों ने वोट देने का इरादा जताया है। हालांकि वास्तविक वोटिंग के दिन ये आंकड़ा गिर सकता है, फिर भी ये उत्साह बताता है कि 2019 के मतदान का रिकॉर्ड टूट सकता है। वोट न देने का इरादा जताने वालों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन उनका एनालिसिस कुछ चिंताजनक ट्रेंड दिखाता है। उम्र के हिसाब से बांटा जाए तो वोट न देने वाले सबसे ज्यादा 18 से 30 की उम्र की बीच के हैं। वहीं जेंडर के हिसाब से देखें तो वोट न देने वालों में महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा हैं। अब समझिए, किस मुद्दे पर कौन देगा वोट हिमाचल में मोदी को पीएम बनाना बड़ा मुद्दा, एंटी-इनकम्बेंसी की तरफ भी दिखा झुकाव सर्वे में भाग लेने वालों के सामने प्रो-इनकम्बेंसी से जुड़े 5 मुद्दे रखे गए थे- वहीं, एंटी-इनकम्बेंसी से जुड़े 5 मुद्दे भी रखे गए थे- सर्वे के नतीजे बताते हैं कि हिमाचल में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता एक बार फिर अन्य मुद्दों पर भारी पड़ रही है। प्रो-इनकम्बेंसी से जुड़े मुद्दे ‘नरेंद्र मोदी को फिर पीएम बनाना है’ को सबसे ज्यादा 57% लोगों ने सबसे बड़ा मुद्दा बनाना है। लेकिन बढ़ती बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा मानने वालों की तादाद भी 35% है। 12 राज्यों का ओवरऑल डेटा देखें तो तस्वीर कुछ अलग है। 48% लोगों के लिए नरेंद्र मोदी को पीएम बनाना बड़ा मुद्दा है, तो 37% के लिए बढ़ती बेरोजगारी बड़ी चिंता है। सर्वे में हर यूजर 10 मुद्दों की लिस्ट से कोई भी 4 मुद्दे चुन सकता था। यहां हमने ये गणना की है कि कौन सा मुद्दा सर्वे भरने वाले कितने फीसदी लोगों ने चुना। ये भी संभव है कि ‘नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम बनाना है’ को मुद्दा चुनने वाले यूजर ने बढ़ती बेरोजगारी को भी मुद्दा चुना हो। युवाओं के लिए बढ़ती बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा, 50% से ज्यादा महिलाएं सर्वे से मिली जानकारी को आयु वर्ग और जेंडर के हिसाब से बांटें तो मुद्दों के चुनाव की एक और तस्वीर दिखती है। जैसे हिमाचल में 18 से 30 की उम्र के 45% लोगों के लिए बढ़ती बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। वहीं 31 से 55 साल की उम्र वालों के 58% लोगों के लिए ‘नरेंद्र मोदी को पीएम बनाना है’ सबसे बड़ा मुद्दा है। बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा चुनने वाले 35% पुरुष हैं, जबकि 51% महिलाएं हैं। यानी ये पुरुषों से ज्यादा महिलाओं के लिए चिंता का विषय दिख रहा है। अब जानिए, सर्वे में शामिल 13 राज्यों के ओवरऑल नतीजे क्या कहते हैं देखिए, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में जनता क्या सोचती है अब जानिए, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हवा का रुख क्या है देखिए, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में जनता क्या सोचती है अब जानिए, गुजरात और महाराष्ट्र में क्या रहे नतीजे

Spread the love

By